इस ‘जेम्स बांड’ की वजह से सफल हुआ सर्जिकल स्ट्राइक

Edited By ,Updated: 30 Sep, 2016 01:12 AM

ajit dobhal mastermind surgical strike

भारत का सर्जिकल स्ट्राइक आज दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है, पाकिस्तान की सीमा में किए गए इस वार में भारत...

नई दिल्ली: भारत का सर्जिकल स्ट्राइक आज दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है, पाकिस्तान की सीमा में किए गए इस वार में भारत ने 38 आतंकवादियों को मौत की नींद सुला दिया। ऐसे में आपके जहन में यह सवाल उठ रहा होगा कि इतने बड़े स्ट्राइक को अंजाम किसकी निगरानी में दिया गया? कौन होगा वह जेम्स बांड जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस अंजाम के लिए सहमत किया?

आपको बता दें कि वह शख्स है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल जिन्होंने इस आपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया। यहां तक की भारतीय कमांडो जब इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे रहे थे, तब अजित डोभाल खुद इसकी निगरानी कर रहे थे, वे पल-पल की खबर ले रहे थे।


कौन हैं अजीत डोभाल?
आईपीएस अजीत डोभाल मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित घीड़ी बानेलस्यूं गांव के हैं। अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में एमए किया। इसके बाद 1968 में यूपीएससी की परीक्षा में उत्तीर्ण होकर केरल कैडर से आईपीएस बने। 1972 में भारतीय खुफिया एजेंसी आईबी से जुड़े।


डोभाल के नाम से कांपता है पाक
अजित डोभाल पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में छह साल तक काम कर चुके हैं। शुरुआती दिनों में वे अंडरकवर एजेंट थे और सात वर्ष तक पाकिस्तान में सक्रिय रहे। वे पाकिस्तान के लाहौर शहर में एक पाकिस्तानी मुस्लिम की तरह रहे। 


ब्ल्यू स्टार में निभाई थी गुप्तचर की भूमिका
भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराईं, जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।


ट्विटर पर ट्रेंड होता है अजीत डोभाल
पाकिस्तान के किसी भी इलाके में कुछ भी होता है तो वहां के सुरक्षा विशेषज्ञ और मीडिया अजीज डोभाल पर आरोप लगाने शुरू कर देते हैं। पाकिस्तान कोई धमाका होने पर वहां ट्विटर पर अजीत डोभाल ट्रेंड करने लगते हैं।


दाऊद इब्राहिम की फिराक में डोभाल
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक अजित डोभाल अंडरवल्र्ड दाऊद इब्राहिम को भी खत्म करने का प्लान बना चुके हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दाऊद इब्राहिम लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को पता लगा है कि दाऊद का नया ठिकाना चमन में है। देश की खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट लगातार ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि दाऊद कितने दिन और कहां-कहां रुक रहा है। ताकिऑपरेशन दाऊद को अंजाम तक पहुंचाया जा सके।


इन 5 कारनामों से ‘जेम्स बांड’ कहलाते हैं डोभाल
1. जून 2010, अजित डोभाल के दिशा निर्देशन में भारतीय सेना ने पहली बार सीमा पार म्यांमार में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन में 30 उग्रवादी मारे गए।
2. जून 2014, डोभाल ने आईएसआईएस के कब्जे से 46 भारतीय नर्सों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. 1971 से लेकर 1999 तक 5 इंडियन एयरलाइंस के विमानों के अपहरण की घटनाओं को टालने में भूमिका निभाई।
4. 1999, कंधार में इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अपहर्ताओं के साथ भारत के मुख्य वार्ताकार के तौर पर अजित डोभाल ही थे।
5. वह सात साल तक पाकिस्तान में एक गुप्त एजेंट बन के रहे थे।


गुजरात में हुई थी पीएम से मुलाकात
मालूम हो कि अजित डोभाल ने ही विवेकानंद फाउंडेशन की स्थापना की है। इसी फाउंडेशन की बैठक के दौरान पहली बार तत्तकालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अजित डोभाल की मुलाकात हुई थी। कुछ ही दिनों बाद दोनों के बीच मजबूत दोस्ती हो गई।

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