भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने हाई कोर्ट के एक पूर्व जज के खिलाफ दर्ज किया मामला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 09:20 PM

case corruption cbi registered against former judge of high court

सीबीआई ने आज भ्रष्टाचार के एक मामले में ओडि़शा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत ...

नई दिल्ली: सीबीआई ने आज भ्रष्टाचार के एक मामले में ओडि़शा उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत जज और पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की एवं आठ जगहों पर छापेमारी की। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि सेवानिवृत न्यायाधीश इशरत मसरूर कुद्दूसी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। उनके साथ प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट के बी.पी. यादव और पलाश यादव के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट लखनऊ में एक मेडिकल कालेज का संचालन करता है। इनके अलावा, बिचौलिए विश्वनाथ अग्रवाल और दो अन्य-भावना पांडेय और सुधीर गिरि-के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। 

 

न्यायमूॢत कुद्दूसी 2004 से 2010 तक ओडि़शा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे। प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी ने यहां कुद्दूसी के आवास सहित आठ जगहों छापेमारी की। भुवनेश्वर और लखनऊ में भी छापेमारी की गई। सीबीआई के प्रवक्ता ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि ओडि़शा उच्च न्यायालय के एक मौजूदा जज के आवास पर जांच एजेंसी ने छापेमारी की है। उन्होंने कहा कि ऐसी सारी खबरें ‘‘बेबुनियाद और तथ्यात्मक तौर पर गलत’’ हैं। 


सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, लखनऊ स्थित प्रसाद इंस्टीट््यूट ऑफ मेडिकल साइंस उन 46 मेडिकल संस्थानों में शामिल है जिसे सरकार ने नए छात्रों का दाखिला लेने से रोक दिया था। आधारभूत संरचना में कमियों के कारण इस संस्थान को नए दाखिलों से रोका गया था। इस मुद्दे को संस्थान ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। शीर्ष न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि वह रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्री पर फिर से विचार करे। शीर्ष न्यायालय के आदेश के मुताबिक, सरकार ने मामले की सुनवाई की और कॉलेज को 2017-18 और 2018-19 शैक्षणिक वर्षों के लिए दाखिला लेने से रोक दिया। सरकार ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को अधिकृत किया कि वह कालेज की बैंक गारंटी की रकम दो करोड़ रूपए को भुना ले। 


प्रसाद एजुकेशनल ट्रस्ट ने इस मामले को शीर्ष न्यायालय में चुनौती दे रखी है। ट्रस्ट ने रिट याचिका दाखिल की थी। बी.पी. यादव मेरठ स्थित वेंकटेश्वर मेडिकल कॉलेज के सुधीर गिरि के जरिए न्यायमूॢत कुद्दूसी और पांडेय के संपर्क में आए। यादव ने कुद्दूसी और पांडेय से अनुरोध किया कि वे अपने संपर्कों के जरिए उच्चतम न्यायालय में मामला निपटाने में उनकी मदद करें और उन्होंने फिर भुवनेश्वर के रहने वाले विश्वनाथ अग्रवाल से संपर्क साधा।   प्राथमिकी में आरोप लगाया गया, ‘‘विश्वनाथ अग्रवाल ने मामले से संबंधित वरिष्ठ लोक सेवकों से बेहद करीबी संबंध होने का दावा किया और आश्वासन दिया कि वह मामले को सकरात्मक तरीके से निपटा देंगे। 


उन्होंने उक्त मदद की एवज में भ्रष्ट एवं अवैध तरीकों से लोक सेवकों को ललचाने के लिए रिश्वत के तौर पर बड़ी रकम की मांग की।’’ सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने जाल बिछाया और दिल्ली में अग्रवाल से एक करोड़ रुपए बरामद किए। यह रकम उन्हें कथित तौर पर हवाला ऑपरेटर राम देव सारस्वत से मिली थी । उन्होंने कहा कि छापों के दौरान हवाला ऑपरेटर से 85 लाख रुपए और पांडेय से पांच लाख रुपए बरामद किए गए। 

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