Edited By ,Updated: 09 Dec, 2016 07:03 PM
सऊदी अरब में काम कर रहे एक भारतीय का सरकार से मदद की गुहार लगाता वीडियो सामने आने से एक बार फिर यह बहस छिड़ गई है...
नई दिल्ली : सऊदी अरब में काम कर रहे एक भारतीय का सरकार से मदद की गुहार लगाता वीडियो सामने आने से एक बार फिर यह बहस छिड़ गई है कि बहारी खाड़ी देशों में प्रवासी भारतीय किन हालात में काम कर रहे हैं। सूर्यभान विश्वकर्मा को एक रिक्रू टमैंट एजैंसी ने सऊदी अरब में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के काम के लिए हायर किया था। विश्वकर्मा को उम्मीद थी कि विदेश जाकर वह घर की आर्थिक स्थिति को सुधार सकेगा लेकिन अब वह अपने फैसले पर पछता रहा है। उसे भारत लौटने के लिए छुट्टी नहीं दी जा रही है। इतना ही नहीं, कंपनी समय पर पेमेंट भी नहीं दे रही है।
भारत लौटने की लगाई गुहार
करीब डेढ़ मिनट के वीडियो में विश्वकर्मा ने अपने दर्द बयां करते हुए बताया कि एक लिमिटेड कंपनी ने 1500 सैलरी और 4 घंटे ओवरटाइम का वादा किया था लेकिन उसे एक कंस्ट्रक्शन लेबर के तौर पर काम करने के लिए मजबूर किया गया। अपने हलात बताते हुए सूर्यभान की आंखें छलक गई। उसने सिसकते हुए कहा कि यहां सैलरी ही नहीं खाने की भी समस्या है। सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए वह कहता है कि डेढ़ महीने से उसे सिर्फ 250 मिले। उसके पास अब एक भी पैसे नहीं हैं, उसने कहा कि वह सिर्फ भारत लौटना चाहता है।
इस वीडियो को किसी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जिसे अब तक 10 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। सऊदी अरब के कानून के मुताबिक विदेशी वर्कर बिना अपने एंप्लॉयर्स की इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकते। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिससे खाड़ी देशों में प्रवासी मजदूरों के काम करने का हालात पर बहस को जन्म दिया है। हाल ही में एक डोमेस्टिक वर्कर की कहानी सामने आई थी जिसके हाथ बेरहमी से काट डाले गए थे।