निर्भया कांड और सिनेमाघरों में राष्ट्रगान पर बड़े फैसले लेने वाले दीपक बने 45वें मुख्य न्यायाधीश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 10:07 AM

justice deepak mishra today will take oath of 45th chief justice of the country

मुम्बई के श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी के खिलाफ मध्य रात्रि में सुनवाई करने तथा निर्भया दुष्कर्म कांड के दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखने वाले व देशभर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के आदेश देने वाले न्यायमूर्ति दीपक...

नई दिल्ली: मुम्बई के श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की फांसी के खिलाफ मध्य रात्रि में सुनवाई करने तथा निर्भया दुष्कर्म कांड के दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखने वाले व देशभर के सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने के आदेश देने वाले न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने आज सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलाई। जस्टिस मिश्रा ने पूर्व CJI जे.एस. खेहर की जगह ली है। दीपक मिश्रा देश के 45वें मुख्य न्यायधीश बने हैं। जस्टिस मिश्रा का कार्यकाल 3 अक्तूबर, 2018 को समाप्त होगा।
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वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर रविवार को ही सेवानिवृत्त हो गए। हालांकि शनिवार और रविवार को सुप्रीम कोर्ट की छुट्टी रहने के कारण अदालत कक्ष में उनका शुक्रवार को ही अंतिम दिन रहा। ओडिशा के रहने वाले जस्टिस मिश्रा का जन्म 3 अक्टूबर 1953 को हुआ था। जस्टिस दीपक मिश्रा के चाचा जस्टिस रंगनाथ मिश्र भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
 

बतौर वकील की थी शुरुआत
जस्टिस मिश्रा ने 1977 में ओडिशा हाईकोर्ट से बतौर वकील करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद 1996 में वह ओडिशा हाईकोर्ट के जज बने। साल 2009 में उन्होंने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभाला। बिहार के तत्कालिन राज्यपाल देवानंद कुंवर ने 24 दिसंबर 2009 को उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई थी।

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