Edited By ,Updated: 10 Dec, 2016 04:54 PM
देश को कैशलेस बनाने के लिए सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है।
नई दिल्ली : देश को कैशलेस बनाने के लिए सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है। वित्त मंत्रालय के साथ अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एम.एच.आर.डी.) भी मैदान में आ गया है। एम.एच.आर.डी. ने एक महीने के लिए छात्रों को घर-घर भेजने का फरमान जारी किया है। यह छात्र सभी को कैशलेस सिस्टम के बारे में जागरूक करेंगे। इस काम में शिक्षकों को भी लगाया गया है। इस संबंध में सभी यूनिवर्सिटी और कालेजों को यूजीसी के माध्यम से पत्र भेजा गया है। नोटबंदी के साथ ही देश को कैशलेस बनाने की मुहिम शुरू हो गई है।
पहले दी जाएगी ट्रेनिंग
पहले यूनिवर्सिटी और कालेजों के उन शिक्षकों को अभियान के संबंध में ट्रेनिंग दी जाएगी जो वित्तीय विषयों से जुड़े हुए हैं या फिर विषय के संबंध में जानकारी रखते हैं। इसके बाद ये ही शिक्षक छात्र-छात्राओं को अभियान के बारे में जानकारी देंगे। फिर ये छात्र घर, दुकान और ठेल-ढाकेल पर जाकर लोगों को कैशलेस के बारे में जानकारी देंगे। इसके फायदे गिनाएंगे। एम.एच.आर.डी. ने छात्रों की मदद के लिए एक बैवसाइट भी बनाई है। इस बेवसाइट पर जाकर छात्र वित्तीय साक्षरता अभियान के बारे में और अधिक जानकारी ले सकते हैं।
बच्चों की पढ़ाई होगी प्रभावित : शिक्षक
एक छात्र ने कहा कि हमारे एच.ओ.डी. ने जिस अंदाज में वित्तीय साक्षरता अभियान से जुडऩे के लिए कहा है, उसमें न की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है। अब अगर हम अभियान में लग जाएंगे तो परीक्षा और प्रैक्िटकल की तैयारी कब करेंगे। रिसर्च मैथाडोलॉजी विषय पढ़ाने वाले एक शिक्षक का कहना है कि एम.एच.आर.डी. के निर्देश पर यूजीसी ने जो पत्र भेजा है उसके अनुसार वित्तीय साक्षरता अभियान तो कामयाब हो जाएगा, लेकिन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो जाएगी।