शहर में लगातार ट्रैफिक नियमों को तोडऩे वालों की अब खैर नहीं, ट्रैफिक पुलिस करेगी लाइसैंस रद्द

Edited By ,Updated: 10 Dec, 2016 10:51 AM

traffic police

शहर में लगातार ट्रैफिक नियमों को तोडऩे वालों की अब खैर नहीं है। नियमों की उल्लंघना करने वालों से निपटने के लिए पुलिस ने अब सख्त रवैया अपना लिया है। लगातार ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने वालों के लाइसैंस सस्पैंड और रद्द किए जाने को लेकर लगातार...

चंडीगढ़(संदीप) : शहर में लगातार ट्रैफिक नियमों को तोडऩे वालों की अब खैर नहीं है। नियमों की उल्लंघना करने वालों से निपटने के लिए पुलिस ने अब सख्त रवैया अपना लिया है। लगातार ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने वालों के लाइसैंस सस्पैंड और रद्द किए जाने को लेकर लगातार ट्रैफिक पुलिस रजिस्ट्रेशन एंड लाइसैंसिंग अथॉरिटी को उनके नामों की लिस्ट भेज रही है। आंकडों की मानें तो ट्रैफिक पुलिस ने अभी तक करीब 360 ऐसे लोगों की लिस्ट रजिस्ट्रेशन एंड लाइसैंसिंग अथॉरिटी को भेज दी है। ऐसे वाहन चालकों पर सख्ती करते हुए ही पुलिस ने अभी तक हजारों की संख्या में चालान काटकर करीब 8 करोड़ रुपए की चालान राशि भी जुटाई है।

 

चालान काटने में भी जारी है पुलिस की सख्ती :
नियमों की उल्लंघना करने वालों के चालान काटने में भी ट्रैफिक पुलिस पीछे नहीं है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि ट्रैफिक पुलिस ने इस साल अभी तक करीब 2 लाख 47 हजार ट्रैफिक चालान काटे हैं, जिसके तहत पुलिस ने करीब 8,47,16,000 रुपए की चालान राशि एकत्रित की है। ट्रैफिक पुलिस ने जनवरी से 30 नवम्बर, 2016 तक शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के 4569, ओवरस्पीड के 12 हजार 682, रेड लाइट जंप करने के 52 हजार 697, दोपहिया वाहन बिना हैलमेट के चलाने के 33 हजार 476, बिना सीट बैल्ट के गाड़ी चलाने के 14 हजार 497, नाबालिग द्वारा वाहन चलाने के 211, बिना कागजात के वाहनों को जब्त करने के 12 हजार 410 और गाड़ी चलाते हुए मोबाइल इस्तेमाल करने के तीन हजार 562 चालान काटे हैं। 

 

अब बदलनी होगी आदत :
सिर्फ चालान राशि का भुगतान कर अब आप अपनी ट्रैफिक नियम तोडऩे की आदत को जारी नहीं रख सकते है, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस अपने रिकार्ड में इस बात का ध्यान रखती है कि ऐसे कौन से वाहन चालक है जो लगातार नियमों की उल्लंघना कर रहे हैं और उनके एक सीमित समय में कई दफा चालान किए जा चुके हैं। नियम तोडऩे वाले ऐसे वाहन चालकों की एक लिस्ट तैयार कर ली जाती है। पिछले कुछ सालों के आंकडों की बात करें तो साल में औसतन 150 से 200 ऐसे वाहन चालकों की लिस्ट रजिस्ट्रेशन एंड लाइसैंसिंग अथॉरिटी को भेजी जाती है, लेकिन इस दफा पुलिस अभी के 11 माह के दौरान ही करीब 360 ऐसे वाहन चालकों की लिस्ट भेज चुकी है। 

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