जब इंदिरा गांधी ने राहुल को सजा देने के लिए रातभर खड़ा रखा अंधेरे में

Edited By ,Updated: 20 Mar, 2017 04:09 PM

when indira gandhi left rahul all alone in a dark garden

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सक्षमता के ऊपर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं।

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सक्षमता के ऊपर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। वहीं भाजपा ने गोवा और मणिपुर में भी अपनी सरकार बना ली है ऐसे में सबसे ज्यादा अंगुलियां राहुल गांधी पर उठ रही हैं कि आखिर कैसे भाजपा ने सरकार बना ली। पंजाब को छोड़ कांग्रेस का कहीं भी अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है। ऐसे में सबकी नजरें अब इसी बात पर हैं कि क्या सोनिया गांधी कांग्रेस की बागडोर राहुल के हाथों में सौंपेगी या उन्हें कोई सबक सिखाते हुए कड़े फैसले लेंगी। फिलहाल यह तो सोनिया पर निर्भर है कि वो क्या करती हैं। क्या राहुल पीएम नरेंद्र मोदी की कोई तोड़ निकाल पाते हैं।
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मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी को बचपन से ही किस्से-कहानियां काफी पसंद रही हैं। कांग्रेस के अंदरखाने राहुल के बारे में एक किस्सा सुनाया जाता है। कहते हैं जब राहुल छोटे थे तो अंधेरे से बहुत डरते थे। उनकी दादी इंदिरा गांधी ने उन्हें एक बार रात भर बगीचे में अकेले खड़ा करवा दिया था। वो मदद के लिए रोते रहे लेकिन कोई नहीं आया, उनकी मां सोनिया गांधी भी नहीं। कहते हैं उस वाकया के बाद राहुल ने खुद कहा था कि उस रात उन्होंने अपने डर पर जीत हासिल कर ली और अंधेरे से निकलने का रास्ता पा लिया।

सोनिया गांधी की कार्यशैली अलग
सोनिया गांधी 19 साल से कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं। कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक इस बात की चर्चा तेज है कि क्या राहुल अब पार्टी अध्यक्ष बनने का बड़ा फैसला लेंगे?
कांग्रेसी अभी से सोनिया गांधी की कार्यशैली उनकी तुलना करने लगे हैं। सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव जीतकर गठबंधन सरकार बनाई थी लेकिन पिछले कुछ समय से सोनिया बीमार चल रही हैं। ये तय है कि आज नहीं तो कल सोनिया की जगह राहुल ही लेंगे लेकिन 5 राज्यों के नतीजे आने के बाद राहुल को खुद को और दृढ़ करना होगा। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कहते हैं, “सोनिया की सबसे बड़ी ताकत ये है कि वो अपनी कमजोरी को जानती हैं। इसलिए वो दूसरों को उनकी काबिलियत और समझ के साथ काम करने की छूट देती हैं। राहुल की दिक्कत है कि उन्हें लगता है कि उन्हें सब पता है। वो लोकतांत्रिक होने का दिखावा करते हैं लेकिन वो अधिनायकवादी हैं।”
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यहां बची है कांग्रेस सरकार
कांग्रेस की इस समय पंजाब, कर्नाटक, मेघालय, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश और पुदुच्चेरी में सरकार है। सभी कांग्रेसशासित प्रदेशों में भारत की महज 8.9 प्रतिशत आबादी रहती है। वहीं भाजपाशासित प्रदेशों  में देश की 62 प्रतिशत आबादी रहती है। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जहां कांग्रेस सत्ता में है वहां इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं लंबे समय से भाजपा के कब्जे वाले गुजरात में भी इस साल चुनाव होंगे। कांग्रेस यूपी में 27 साल, गुजरात में 22 साल, मध्य प्रदेश में 15 साल, छत्तीसगढ़ में 14 साल से सत्ता से बाहर है। ऐसे सवाल है कि यूपी तो हाथ से चला गया है क्या कांग्रेस जिन राज्यों से बाहर चल रही है वहां फिर से वापिसी कर पाएगी।

यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल गांधी के दोस्त और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि भारत में इस वक्त कोई भी नेता या पार्टी ऐसी नहीं है जो 2019 में नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सके। भले ही पार्टी का कोई नेता खुलकर न बोले लेकिन दबे सुर में सब यही कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह को टक्कर देना राहुल के बस की बात नहीं है।

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