चमत्कारी नारियल को तिजोरी में रखने से कभी धन की कमी नहीं होती

Edited By ,Updated: 25 Feb, 2015 12:12 PM

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नारियल का प्रयोग हिंदू धर्म में प्रत्येक शुभ काम के लिए किया जाता है इसलिए इसे श्रीफल भी कहा जाता है। भगवान को श्रीफल अर्पित करने का तात्पर्य है की

नारियल का प्रयोग हिंदू धर्म में प्रत्येक शुभ काम के लिए किया जाता है इसलिए इसे श्रीफल भी कहा जाता है। भगवान को श्रीफल अर्पित करने का तात्पर्य है की हम भगवान को अपना सिस भेंट कर रहे हैं। नारियल में दो आंखे और एक मुंह होता है।नारियल को तोड़ने का कारण है अनिष्ट शक्तियों के संचार पर अंकुश लगाना। तभी तो नारियल फोडकर स्थान देवता का आवाहन कर वहां की स्थानीय अनिष्ट शक्तियों को नियंत्रित करने की उनसे प्रार्थना की जाती है। 

सनातन धर्म में की जाने वाली कोई भी पूजा या अनुष्ठान नारियल के अभाव में पूर्ण नहीं माना जाता। नारियल को छिलने पर उसमें तीन धारियां पाई जाती हैं लेकिन एक वशिष्ट नारियल में दो धारियां व एक आंख होती है। इस नारियल को महालक्ष्मी का प्रिय “एकाक्षी” नारियल कहा जाता है। 

जिस व्यक्ति के पास एकाक्षी नारियल होता है उसके पास महालक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं। चमत्कारी नारियल को तिजोरी में रखने से कभी धन की कमी नहीं होती।  

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