Edited By ,Updated: 01 Mar, 2015 04:01 AM
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने पिछले बजट सत्र 2013-14 में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन इस बजट सत्र में तो जेटली ने स्मार्ट सिटी का सफाया ही कर डाला।
नई दिल्ली. वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने पिछले बजट सत्र 2013-14 में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन इस बजट सत्र में तो जेटली ने स्मार्ट सिटी का सफाया ही कर डाला। जो लोग स्मार्ट सिटी का सपने देख रहे थे, उनके सपनों पर पानी फेरते हुए जेटली ने इस बजट सत्र में स्मार्ट सिटी को लेकर कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया। जेटली ने अपने पिछले बजट में कहा था कि देश में कोई बेघर न हो, इसके लिए देश के विभिन्न राज्यों में 100 स्मार्ट सिटी बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा था कि स्मार्ट सिटी बनाने की शुरूआत वर्ष 2015 से शुरू की जाएंगी।
2022 तक बनाए जाने हैं 100 स्मार्ट सिटी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले बजट सत्र 2013-14 में कहा था कि स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। कैसे पूरा होगा 2022 में शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का लक्ष्य, जबकि इस बजट सत्र में स्मार्ट सिटी के बारे में सुनने तक को नहीं मिला।
कई बड़े मंत्री कर चुके हैं स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा
पिछले बजट में जब स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी, तो उसके बाद भाजपा के कई बड़े नेता मंच पर स्मार्ट सिटी बनाने की बात कहते रहते थे, और अखबारों में सुर्खिया बटौरते थे। मगर अब ये कहना गलत नहीं होगा कि इन नेताओं के भाषण सिर्फ मंच तक ही सीमित हैं।
शहरी विकास मंत्री ने भी लुटी थी वाहवाही
शहरी विकास मंत्री वैकेया नायडु ने भी इसके बाद कहा था कि स्मार्ट सिटी की रूपरेखा पर फैसला लेने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, और इस पर वाहवाही लुटी थी। उन्होंने कहा था कि प्रत्येक राज्य में दो से तीन स्मार्ट सिटी बनाने की योजना का विचार है। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी पर अंतिम विचार-विमर्श नवंबर 2014 तक पूरा हो जाएगा। परंतु 2015 में तो पूरा खेल ही पलट गया और स्मार्ट सिटी केवल यादों में ही रह गई।