Edited By ,Updated: 04 Mar, 2015 05:40 PM
स्पेन की रहने वालीं फातिमा मार्टिन एक आर्किटेक्ट हैं, लेकिन लगभग पिछले सात सालों से वह भारत के अलग-अलग राज्यों में बैंबू(बांस की कारीगरी) का काम कर रही है।
भोपाल: स्पेन की रहने वालीं फातिमा मार्टिन एक आर्किटेक्ट हैं, लेकिन लगभग पिछले सात सालों से वह भारत के अलग-अलग राज्यों में बैंबू(बांस की कारीगरी) का काम कर रही है। फातिमा बांस का इस्तेमाल कर एक से बढ़कर एक स्ट्रक्चर बनाने में माहिर हैं। उसके द्धारा बांस से बनाए गए ब्रिज और एयरो डायनेमिक शेप में बनी मल्टी स्टोरीज तेज हवा व बारिश को सहन कर जाती हैं।
फिलहाल फातिमा एमपी स्टेट बैंबू मिशन में बतौर कंसल्टेंट काम कर रही हैं। दिल्ली में स्थित मध्यप्रदेश भवन मध्यांचल का चाय बार बनाने का काम भी इनके पास ही है। फातिमा का कहना हैं कि पहली बार उन्हें इम्पल्स एनजीओ ने 2009 में शेल्टर होम बनाने के लिए बुलाया था। उसका यह प्रोजेक्ट करीब चार महीने का था। इसके बाद वह कई प्रोजेक्ट के लिए भारत आई। फातिमा का कहना है कि भारत अब उसके दूसरे घर जैसा है।
बता दें कि मध्यप्रदेश का बालाघाट ‘बैंबू कैपिटल’ के नाम से मशहूर है। हालांकि, भारत भर में सबसे अधिक बांस आसाम में उगते हैं। आईआईटी दिल्ली ने भी फातिमा को अपने कैंपस से साइंटिफिक रिसर्च एंड यूसेज ऑफ बैंबू इन इंजीनियरिंग एंड कमर्शियल बिल्डिंग्स पर डॉक्ट्रेट करने का न्यौता दिया है।