Edited By ,Updated: 01 May, 2015 09:15 AM
पानी जीवन की मूलभूत अवश्यकता है। इसके अभाव में किसी भी जीव के लिए जीवन संभव नहीं है। वेदों शास्त्रों में भी इससे संबंधित बहुत सी मूल्यवान जानकारी दी गई है। आधुनिक दौर में लोकप्रिय हो रहे वास्तु सिद्धांत में भी पानी के उपयोग से कैसे घर में सुख एवं...
पानी जीवन की मूलभूत अवश्यकता है। इसके अभाव में किसी भी जीव के लिए जीवन संभव नहीं है। वेदों शास्त्रों में भी इससे संबंधित बहुत सी मूल्यवान जानकारी दी गई है। आधुनिक दौर में लोकप्रिय हो रहे वास्तु सिद्धांत में भी पानी के उपयोग से कैसे घर में सुख एवं समृद्धि का प्रवेश हाेगा एवं दुख आैर दरिद्रता घर से बाहर प्रस्थान करेगी इस विषय में महत्वपूर्ण तथ्य प्राप्त होते हैं।
कहीं आपके द्वारा की गई यह भूल घर आई लक्ष्मी काे ठाेकर तो नहीं मार रही
* पानी देवी लक्ष्मी का प्रतीक है। जिस घर में पानी को व्यर्थ बहाया जाता है उस घर का धन भी पानी के साथ ही बह जाता है और धन की देवी लक्ष्मी उस घर से विदा ले लेती हैं और उनकी बहन अलक्ष्मी वहां अपना स्थायी निवास बना लेती हैं।
* घर को साफ-स्वच्छ करने के लिए उतना ही जल लें जितनी अवश्यकता हो उसे व्यर्थ न बहाएं क्योंकि जल में लक्ष्मी का वास माना जाता है इसलिए पानी का दुरुपयोग लक्ष्मी काे ठाेकर मारता है और अलक्ष्मी को अपने घर न्यौता देता है।
* कहीं पर भी पानी को बेमतलब बहता देखें तो उसे बंद करवाएं या स्वयं बंद कर दें।इससे आपकाे धन लाभ हाेगा।
* शुक्रवार को विशेष रूप से घर में समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक पानी में मिला कर उससे सारे घर में पोंछा लगाएं। धूलिमार्जन करने के लिए भी इसी पानी को प्रयोग में लाएं। ऐसा करने पर घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ौतरी होती है।
* कुछ घरों में नल से व्यर्थ ही पानी टपकता रहता है। उन घरों में धन का संचय नहीं हो पाता साथ ही पानी की आवाज से घर का आभा मंडल भी प्रभावित होता है।
* जो लोग नदी, तालाब या कुंओं के जल को मल-मूत्र, थूक, कुल्ला करके गंदा करते हैं या उनमें कचरा डालते हैं, वह ब्रह्महत्या के भागी बनते हैं। साथ ही ऐसे लोग कभी लक्ष्मी कृपा प्राप्त नहीं कर पाते।
* पानी को अंजली में भरकर नहीं पीना चाहिए। इससे पानी आस पास ज्यादा गिरता है। जिससे देवी लक्ष्मी रूठ जाती हैं और अलक्ष्मी आकर्षित हो उस स्थान पर अपना निवास स्थापित कर लेती हैं।