जरनैल सिंह गिरफ्तारी पर 18 मई तक रोक

Edited By ,Updated: 06 May, 2015 07:08 PM

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप विधायक जरनैल सिंह को 18 मई तक गिरफ्तारी से आज संरक्षण प्रदान कर दिया...

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप विधायक जरनैल सिंह को 18 मई तक गिरफ्तारी से आज संरक्षण प्रदान कर दिया। सिंह पर एमसीडी के एक इंजीनियर पर हमला करने और पश्चिम दिल्ली में एक अवैध निर्माण को गिराने से रोकने का आरोप है।  न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता की पीठ ने हालांकि तिलक नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक से कहा कि वह कल अपराह्न चार बजे जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित हों और उसके बाद जब भी जांच के सिलसिले में जरूरत हो उसमें हिस्सा लें।

अदालत ने सिंह को निर्देश दिया कि वह अपने खिलाफ लगे आरोपों से परिचित किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई प्रलोभन, धमकी या वादा नहीं करेंगे जिससे उसे अदालत या किसी पुलिस अधिकारी को किसी तथ्य का खुलासा करने से रोका जा सके।  अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता (सिंह) अदालत की पूर्व अनुमति के बिना दिल्ली नहीं छोड़ेगा। अदालत ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में मामले को 18 मई को फिर से सूचीबद्ध किया जाए। तब तक याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाए।’’ 

अदालत का निर्देश सिंह की अर्जी पर आया जिन्होंने गत दो मई को निचली अदालत द्वारा अपनी अग्रिम जमानत याचिका ठुकराए जाने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।  दलीलों के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फुल्का ने दावा किया कि पुलिस ‘भ्रष्ट’ एमसीडी अधिकारी अतहर मुस्तफा को बचाने का प्रयास कर रही है, जो गत 28 अप्रैल को पश्चिमी दिल्ली इलाके में अवैध निर्माण को गिराने गई थी जबकि वह इलाके के जूनियर इंजीनियर नहीं थे।

 फुल्का का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने कहा कि मुस्तफा को उस दिन अवैध निर्माण गिराने वाली टीम के प्रमुख का प्रभार सौंपा गया था और वह पुलिस और एमसीडी कर्मियों को अपने साथ ले गये थे। फुल्का ने आरोप लगाया कि इस इंजीनियर ने मकान मालिक से धन की मांग की थी। अतिरिक्त सालिसीटर जनरल ने हालांकि इसे मनगढ़ंत कहानी बताते हुए कहा कि मकान मालिक ने बिना अनुमति के पांच मंजिला मकान बना लिया और विधायक अवैध निर्माण को बचाने का प्रयास कर रहे थे।

 उन्होंने कहा, ‘वे भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा बयान देते हैं। क्यों वे गलत करने वालों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह विधायक हैं उनसे कानून को बनाये रखने की अपेक्षा की जाती है, न कि अराजकता को प्रोत्साहन देने की। जैन ने यह भी कहा कि सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है ताकि फाड़े गए तोडफ़ोड़ के आदेश, विधायक के मोबाइल फोन और उनके साथ मौजूद लोगों के बारे में विवरण हासिल किया जा सके, जिन्होंने सरकारी अधिकारियों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में बाधा डालने में उनकी मदद की थी।
 

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