Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 May, 2024 06:58 AM
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि बहुत मायने रखती है। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इतना ही नहीं इस दिन पवित्र नदियों
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Vaishakh Amavasya: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि बहुत मायने रखती है। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इतना ही नहीं इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद शुभ माना गया है। इससे आपको आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अभी वैशाख का पावन महीना चल रहा है। तो ऐसे में आज आपको बताएंगे वैशाख अमावस्या की तिथि, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, इस दिन बनने वाले शुभ योग और इस दिन क्या करना चाहिए उसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि का आरंभ 07 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर होगा और अगले दिन 08 मई को सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर वैशाख अमावस्या 08 मई, दिन बुधवार को मनाई जाएगी और इसी दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान का कार्यक्रम किया जाएगा।
बता दें कि अमावस्या पर स्नान-दान बहुत महत्व होता है ।इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है लेकिन बता दें कि स्नान ब्रह्म मुहूर्त में करना सबसे उत्तम होता है। ऐसे में इस दिन स्नान-दान का शुभ समय प्रातःकाल 04 बजकर 10 मिनट से लेकर 04 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।वहीं इस दिन लाभ उन्नति मुहूर्त प्रातःकाल 05 बजकर 35 मिनट से लेकर 07 बजकर 15 मिनट तक रहेगा और अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में भी पवित्र नदियों में स्नान-दान का कार्यक्रम कर सकते हैं।
आगे आपको बता दें कि इस साल वैशाख अमावस्या पर कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 33 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 05 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। सौभाग्य योग शाम 05 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। फिर इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। मान्यता है कि इन शुभ योगों में पूजा-पाठ, स्नान-दान और श्राद्ध कर्म करने से हर काम बिना किसी विघ्न के पूरा होता है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान, दान, जप-तप, पिंडदान, पितरों को तर्पण आदि धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभ माना गया है। इस दिन पितरों के नाम का श्राद्ध और तर्पण करने वालों को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। वैशाख अमावस्या को कालसर्प दोष को दूर करने के लिए भी बेहद उत्तम माना गया है लेकिन ध्यान रहे कि इस शुभ दिन पर तामसिक चीजों का सेवन करने से दूर रहें।