Edited By ,Updated: 02 Jun, 2015 09:23 AM
जेष्ठ माह की पूर्णिमा को वट सावित्री के पूजन का विधान है। इस दिन महिलाएं दीर्घ सुखद वैवाहिक जीवन हेतु बरगद पूजन करती हैं। मान्यतानुसार सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे पड़े अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से जीता था।
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को वट सावित्री के पूजन का विधान है। इस दिन महिलाएं दीर्घ सुखद वैवाहिक जीवन हेतु बरगद पूजन करती हैं। मान्यतानुसार सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे पड़े अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से जीता था। इस दिन महिलाएं विधिविधान से वट पूजन करने के बाद ही जल ग्रहण करती हैं। शास्त्रानुसार बरगद को शिव स्वरूप माना गया है। प्राचीन ग्रंथ वृक्षायुर्वेद के अनुसार जो बरगद का वृक्ष लगाता है, वह शिव धाम को प्राप्त होता है। पाराशर मुनि के अनुसार- 'वट मूले तोपवासा' ऐसा कहा गया है।
2 जून को मंगलवार व वट सावित्री पूर्णिमा का विशिष्ट योग बन रहा है। शास्त्रानुसार हनुमानजी का जन्म मंगलवार व पूर्णिमा तिथि के दिन हुआ था। अतः आज का दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने हेतु सर्वश्रेष्ठ है। यह विशेष योग संकटों के निवारण व अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हेतु अति उत्तम है। इस दिन विधिपूर्वक हनुमान जी व बरगद वृक्ष के विशेष पूजन से हर कार्य में सफलता मिल सकती है। पुराणों में यह स्पष्ट किया गया है कि वट में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है। अतः आज का दिन उपाय व साधना हेतु विशेष है।
हनुमान व्रत के तेरह गांठ वाले डोरे को कंठ या दाईं भुजा में धारण करने से सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं। चारों वर्णों के मनुष्यों विशेषकर स्त्रियों के लिए यह व्रत सर्व सम्पत्ति प्रदान करता है।
मंगलवार और पूर्णिमा के उत्तम योग पर अपनाएं कुछ अन्य उपाय
1. मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की सेवा महीने में किसी भी एक मंगलवार को करने से आपका मानसिक तनाव हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।
2. साल में एक बार किसी भी मंगलवार को अपने खून का दान करने से आप हमेशा के लिए दुर्घटनाओं से बचे रहेंगे।
3. 5 देसी घी के रोट का भोग मंगलवार को लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।
4. व्यापार में वृद्धि के लिए मंगलवार को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमान जी को पहनाइए।
5. मंदिर की छत पर लगाइए लाल झंडा और आकस्मिक संकटों से मुक्ति पाइए।
6. तेज़ और शक्ति बढाने के लिए हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदर कांड, रामायण, राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
7. मंगलवार को हनुमान जी का व्रत करने से रोगी रोगमुक्त, पुत्रार्थी पुत्रवान, मोक्षार्थी मुक्त तथा धनार्थी धन सम्पन्न होता है।
8. आज के दिन बरगद के वृक्ष पर सूत को लाल व पीला करके लपेटने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
9. आज के दिन बरगद के वृक्ष की जड़ में मीठी लस्सी (मीठा दही) चढ़ाने से मंगल, शनि राहू जैसे अनिष्ट ग्रह शांत होते हैं।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com