Edited By ,Updated: 05 Aug, 2015 05:25 PM
गुडग़ांव की एक कंपनी में काम करने वाली युवती ने अपने टीम लीडर पर बलात्कार करने का सनसनीखेज आरोप लगाया। उसने कहा कि टीम लीडर की पदोन्नति पार्टी में उसने इतनी ज्यादा शराब पी ली कि उसे होश ही नहीं रहा।
नई दिल्ली: गुडग़ांव की एक कंपनी में काम करने वाली युवती ने अपने टीम लीडर पर बलात्कार करने का सनसनीखेज आरोप लगाया। उसने कहा कि टीम लीडर की पदोन्नति पार्टी में उसने इतनी ज्यादा शराब पी ली कि उसे होश ही नहीं रहा। अगले दिन अंर्तवस्त्र गायब मिले तो उसे रेप की जानकारी हुई। वहीं अगले दिन अदालत में वह बयानों से मुकर गई, उसने कहा कि उसे नहीं पता कि रेप हुआ या नहीं।
आखिर अदालत ने उसके दोस्तों के बयान के आधार पर आरोपी को छेड़छाड़ (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने) के आरोप में चार वर्ष कैद की सजा सुना दी लेकिन रेप के आरोप से बरी कर दिया।
द्वारका अदालत स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश विरेंद्र भट्ट ने अपने फैसले में कहा कि लड़की ने खुद माना है कि आरोपी टीम लीडर संजीव कुमार निवासी लखनऊ कैंट ने महावीर एन्क्लेव, पालम कॉलोनी स्थित घर पर 10 मई 2014 को अपनी पदोन्नति की पार्टी दी थी।
इसमें कुल सात लड़के-लड़कियां शामिल हुए। सभी ने जमकर शराब पी ओर उसे होश नहीं रहा। सुबह उसकी दोस्त ने घर छोड़ा, होश में आने पर उसने अपने अंर्तवस्त्र गायब मिले। दो दिन बाद कार्यालय में जाने पर उसने इस बात की जानकारी दोस्तों को दी तो उन्होंने बताया कि आरोपी संजीव ने कमरा बंद कर उससे गलत काम किया।
गवाही के दौरान पीड़िता ने कहा कि उसे होश नहीं था उसे नहीं पता कि रेप हुआ या नहीं। उसे इतना पता है कि जब कुछ समय के लिए होश आया तो आरोपी उसके सामने खड़ा था। अदालत ने कहा कि दूसरी तरफ उसके दोस्तों ने कहा कि आरोपी दो बार पीड़िता के कमरे में गया व अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। उन्होंने शोर मचाया तो आरोपी ने काफी देर बाद दरवाजा खोला था।
अदालत ने कहा कि ऐसे में यह साबित नहीं हो पाया कि आरोपी ने रेप किया था। वहीं, दोस्तों के बयान से छेड़छाड़ का मामला बनता है। कोर्ट ने आरोपी को चार वर्ष की कैद व 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।