Edited By ,Updated: 29 Aug, 2015 07:17 AM
राखी का त्यौहार श्रावण पूर्णिमा पर मनाया जाता है जो इस बार 29 अगस्त, शनिवार को दोपहर 1 बजकर 50 मिनट के बाद मनाना शुभ एवं ज्योतिषीय दृष्टि से शास्त्र सम्मत रहेेगा। यह अवधि रविवार को सायंकाल 16.17 तक रहेगी। यदि बहुत आवश्यक हो और कहीं कार्यवश बाहर...
राखी का त्यौहार श्रावण पूर्णिमा पर मनाया जाता है जो इस बार 29 अगस्त, शनिवार को दोपहर 1 बजकर 50 मिनट के बाद मनाना शुभ एवं ज्योतिषीय दृष्टि से शास्त्र सम्मत रहेेगा। यह अवधि रविवार को सायंकाल 16.17 तक रहेगी। यदि बहुत आवश्यक हो और कहीं कार्यवश बाहर जाना पड़ जाए या कोई आपात स्थिति हो तो प्रात: 10 बज कर 14 मिनट से लेकर 11 बजकर 16 मिनट तक भी भद्रा पुच्छ काल में राखी बांधी जा सकती है परंतु 11.16 से दोपहर 1 बजकर 50 मिनट तक भद्रा मुखकाल होने से ऐसा शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसके अलावा बाद दोपहर 14.15 से लेकर 17.25 तक अमृत का चौघडिय़ा भी है। अत: कुल मिला कर शुभ समय दोपहर 13.50 से सायं 17.25 के मध्य रक्षाबंधन का पवित्र कार्य किया जा सकता है।
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राशिनुसार बांधे भाई को राखी बना रहेगा बेशुमार प्यार
उत्तर भारत में परम्परागत तौर पर सुबह ही राखी बांध दी जाती है परंतु जो लोग ज्योतिष एवं मुहूर्त में विश्वास रखते हैं, उन्हें इस बार उपरोक्त मुहूर्त में ही रक्षाबन्धन मनाना चाहिए। बहनें भाई को लाल रोली या केसर या कुमकुम से तिलक करें, ज्योति से आरती उतारते हुए उसकी दीर्घायु की कामना करें और मिठाई खिलाएं। भाई उपहार स्वरूप बहन को शगुन या उपहार अवश्य दें।