रिजर्व बैंक सितंबर में ब्याज दरों में कर सकता है कटौती

Edited By ,Updated: 28 Aug, 2015 05:16 PM

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महंगाई के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बने रहने के मद्देनजर रिजर्व बैंक 29 सितंबर को चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।

नई दिल्लीः महंगाई के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बने रहने के मद्देनजर रिजर्व बैंक 29 सितंबर को चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। एक सर्वेक्षण में शामिल 21 अर्थशास्त्रियों ने ब्याज दरों में कमी किए जाने की 60 फीसदी संभावना जताते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक अगली बैठक में रेपो दर में कमी कर सकता है। जुलाई 2015 की खुदरा महंगाई घटकर 3.78 फीसदी पर आ गई जिससे रिजर्व बैंक के पास नीतिगत दरों में कमी करने का मौका है। 

अर्थव्यवस्था को गति देने तथा निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार और उद्योग जगत केंद्रीय बैंक से ब्याज दरों में कमी करने का आग्रह करते रहे हैं लेकिन रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन महंगाई की गिरावट में स्थिरता आने का इंतजार कर रहे हैं।  

मिजुहो बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री विष्णु वद्र्धन ने कहा कि ईंधन की वजह से महंगाई में गिरावट आ रही है और कच्चे तेल की कीमतें फिर से नीचे आ गई है लेकिन प्याज की कीमतों में बढ़ौतरी से खाद्य महंगाई के बढऩे का जोखिम है। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि अमरीकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढौतरी करने में विलंब करता है तो रिजर्व बैंक को इस वर्ष के अंत में ब्याज दरों में कमी करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।  

रिजर्व बैंक ने 4 अगस्त को ऋण एवं मौद्रिक नीति की तीसरी द्विमासिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखा था लेकिन इससे पहले वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में आई गिरावट के मद्देनजर इस वर्ष उसने 3 बार में अल्पकालिक दरों में 0.75 फीसदी की कटौती की है।  

हालांकि इस समीक्षा में भी रिजर्व बैंक के बाहरी विशेषज्ञों की समिति ने ब्याज दरों में कटौती करने की सलाह दी थी लेकिन राजन ने उनकी सिफारिशों को दरकिनार करते हुए ब्याज दरों को यथावत बनाए रखा था। 

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