Edited By ,Updated: 02 May, 2016 09:16 PM
गर्मियों के सीजन में सड़क पर खुले में मिल रहे फल आज कल सबको अच्छे लगते है, पर इनके द्वारा होने वाली बिमारियों के बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं होता।
चंडीगढ़ : गर्मियों के सीजन में सड़क पर खुले में मिल रहे फल आज कल सबको अच्छे लगते है, पर इनके द्वारा होने वाली बिमारियों के बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं होता। एसिटिलीन गैस और कैल्शियम कार्बाइड द्वारा पके हुए फलों से लोगों को त्वचा पर दस्त, सिरदर्द, चक्कर आना, पेट के विघटन, अल्सर जैसी गम्भीर बीमारियां भी हो सकती है। इस के साथ ही अगर आम लोग लम्बे समय तक इन पके हुए फलों का सेवन करते है तो कैंसर जैसी मेजर प्रॉब्लम भी हो सकती है।
इन दिनों पपीता, केला और आम जैसे स्वादिष्ठ फलों को केमिकल इंजेक्शन लगाकर पकाया जाता है, और सबसे ज्यादा यह आजकल आम के साथ होता है। अलग-अलग जगह से फल आने की वजह से यह कहना मुश्किल हो जाता है कि कौन-सा फल केमिकल इंजेक्शन लगाकर पकाया गया है। सेक्टर 26 की मंडी के एक वेंडर का कहना है कि, हमे जो मिलता हम वही बेचते है।
फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एफएसएसएआई) का कहना है कि फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग ज्यादातर गैस के रूप में होता है जोकि फलों को दिखने में अच्छा तो जरूर बनाता है लेकिन साथ ही उनके स्वाद और पोषण तत्वों को खत्म कर देता है। फ़ूड लाइसेंसिंग अथॉरिटी के ऑफिसर सुखविंदर सिंह का कहना है कि, वह पुरे शहर में इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए हम वेजिटेबल और फ्रूट्स मार्किट में सरप्राइज रेड मारते है। पिछले साल फ़ूड लाइसेंसिंग अथॉरिटी के ऑफिसर ने इसी तरह की रेड में सेक्टर 26 की मार्किट से काफी संख्या में कैल्शियम कार्बाइड द्वारा पके हुए केले पकडे गए थे जिन्हे बाद नष्ट कर दिया गया था। अथॉरिटीज का कहना है कि गर्मियों में फलों पर केमिकल इंजेक्शन लगाने पर मनाही है। अगर कोई पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।