विदेशियों को लुभाने के लिए सरकार करेगी वीजा योजना में बदलाव

Edited By ,Updated: 26 Jun, 2016 02:52 PM

visa scheme

विदेशियों को आकर्षित करने के लिए भारत संभवत: जल्द दीर्घावधि का बहु प्रवेश वृहद वीजा पेश कर सकता है।

नई दिल्ली: विदेशियों को आकर्षित करने के लिए भारत संभवत: जल्द दीर्घावधि का बहु प्रवेश वृहद वीजा पेश कर सकता है। इसके तहत पर्यटक, व्यापार, चिकित्सा तथा सम्मेलन वीजा को मिलाकर एक वीजा बनाया जाएगा जिससे अधिक लोगों को आकर्षित किया जा सके और व्यापार को प्रोत्साहन दिया जा सके। सेवाओं का व्यापार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमआे) के सुझाव के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने पहली बार पर्यटकों, कारोबारियों तथा इलाज के लिए यहां आने वाले अथवा किसी सम्मेलन या फिल्म शूटिंग के लिए यहां आने वाले लोगों को इस प्रस्तावित नई श्रेणी के तहत लाया जा सकता है।

इस चर्चा से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दीर्घावधि का बहु प्रवेश वीजा संभवत: 10 साल की अवधि के लिए दिया जाएगा, लेकिन इस श्रेणी के तहत आने वाले लोग यहां स्थायी रूप से काम नहीं कर सकेंगे और स्थायी रूप से रह नहीं सकेंगे। प्रस्ताव के अनुसार यदि किसी विदेशी को दीर्घावधि का बहु प्रवेश गैर कार्य तथा गैर स्थायी रूप से रकने का वीजा मिलता है और उसे यहां सिर्फ 60 दिन तक ही रकना है तो सरकार वीजा शुल्क में छूट भी देगी।

अधिकारी ने कहा कि इसके लिए यात्रियों को बायोमीट्रिक ब्योरा देना होगा और कुछ सुरक्षा प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा। अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है। उम्मीद है कि इसे जल्द क्रियान्वित किया जाएगा। यह योजना वाणिज्य मंत्रालय की देश का सेवाओं का व्यापार बढ़ाने की पहल का हिस्सा है। माना जाता है कि भारत विदेशियों तथा विदेशी मुद्रा को हासिल करने के मामले में सालाना करीब 80 अरब डालर के अवसर गंवा रहा है।

भारत में अकेले चिकित्सा पर्यटन की तीन अरब डॉलर है और इससे 2020 तक 7 से 8 अरब डालर पर पहुंच जाने की उम्मीद है। भारत में इलाज के लिए आने वाले विदेशी मरीजों की संख्या 2012 में 1,71,020 रही, 2013 में यह 2,36,898 पर पहुंच गई। जबकि 2014 में घटकर 1,84,298 रह गई। थाइलैंड जैसे छोटे देश भी हर साल लाखों विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं जबकि भारत में विदेशी पर्यटकों का प्रवाह काफी कम है।

अधिकारी ने कहा कि भारत इसके बदले में वीजा उदारीकरण की मांग नहीं करेगा क्योंकि अब यह पुरानी अवधारणा हो चुकी है।   उसने कहा कि सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए देश को एक सुगम वीजा व्यवस्था की जरूरत है।

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