विशेष देखभाल की जरुरत वाले बच्चों के लिए अलग स्कूल क्यों नहीं : सुप्रीम कोर्ट

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 11:56 AM

why not separate school for children with special care needs  sc

उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि विशेष देखभाल की जरुरत वाले बच्चों...

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि विशेष देखभाल की जरुरत वाले बच्चों को अन्य बच्चों के साथ पढ़ाने के बजाय उनके लिए अलग से स्कूल क्यों नहीं खोले जा सकते । मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति  दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति  डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि विशेष देखभाल की जरुरत वाले बच्चों को कैसे अन्य बच्चों के साथ पढ़ाया जा सकता है जो विकलांग नहीं हैं। 

जब केंद्र और राज्य सरकार ने न्यायालय से कहा कि नयी समेकित शिक्षा योजना के तहत विशेष देखभाल की जरुरत वाले बच्चों को अन्य बच्चों के साथ ही पढ़ाया जा रहा है जो किसी प्रकार की विकलांगता से ग्रस्त नहीं हैं, तब पीठ ने उनसे यह सवाल किया। शीर्ष अदालत ने केंद्र से पूछा कि देशभर में ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए कुछ दिशानिर्देश क्यों तैयार नहीं किये जा सकते।  

मानव संसाधन विकास मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि विशेष देखभाल की जरुरत वाले बच्चों को समेकित योजना के तहत पढ़ाया जा रहा है ताकि वे हतोत्साहित या अलग थलग महसूस नहीं करे। सामान्य बच्चों के साथ पढ़ाये जाने से विशेष देखभाल की जरुरत वाले बच्चों का मनोबल बढ़ेगा।  पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें उत्तर प्रदेश और देशभर में विशेष देखभाल की जरुरत वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की कमी का दावा किया गया है।

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