Edited By vasudha,Updated: 30 Sep, 2019 03:53 PM
वृक्ष काट – काटकर हम ने, माँ धरती को विरान कर डाला। बनते अपने में होशियार...
वृक्ष काट – काटकर हम ने,
माँ धरती को विरान कर डाला।
बनते अपने में होशियार,
अपने ही घर में डाका डाला ।
बहुत लुभाता है गर्मी में,
अगर कहीं हो पीपल या बड़ का पेड़।
निकट बुलाता पास बिठाता
ठंडी हवा का झोंका
पूरे शरीर में शांति लाता
तापमान धरती का बढ़ता।
आओ पेड़ लगाएं जिससे
धरती पर फैले हरियाली।
तापमान कम करने को है
एक यही ताले की ताली।
ठंडा होगा जब घर-आंगन
तभी बचेंगे मोर-बटेर
तापमान जो बहुत बढ़ा तो
जीना हो जाएगा भारी
धरती होगी जगह न अच्छी
पग-पग पर होगी बीमारी
रखें संभाले इस धरती को
अभी समय है अभी न देर।
(जीवन धीमान, नालागढ़)