विश्व तम्बाकू निषेध दिवस लेख

Edited By Riya bawa,Updated: 31 May, 2020 01:47 PM

world no tobacco day why this lockdown is the best time to quit tobacco

31 मई का दिन विश्व भर विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है । यह सत्य है कि नशा करे नाश। नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो, पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है । इसका मजा भले ही कुछ टाइम के लिए होता है, लेकिन यह...

31 मई का दिन विश्व भर विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है । यह सत्य है कि नशा करे नाश। नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो, पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है । इसका मजा भले ही कुछ टाइम के लिए होता है, लेकिन यह मजा, कब जिंदगी भर सजा बन जाए, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने 31 मई का दिन निर्धारित करके धूम्रपान के सेवन से होने वाली हानियों और ख़तरों से विश्व जनमत को अवगत कराके इसके उत्पाद एवं सेवन को कम करने की दिशा में आधारभूत कार्यवाही करने का प्रयास किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर सभी देशों से तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाने की अपील की है ताकि नये लोगों को तंबाकू सेवन का आदी होने से बचाया जा सके। गौरतलब है कि भारत तंबाकू आधारित उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक है। तंबाकू का सेवन, बहुत सारे रोगों जैसे-  कैंसर, फेफड़ों की बीमारियों और हृदय रोगों सहित स्वास्थ्यगत बीमारियों के मुख्य कारकों में से एक है।भारत में तंबाकू का उपयोग विभिन्न रूपों में होता है। इसके अलावा, देश में तंबाकू का सेवन सिगरेट, बीड़ी और सिगार तथा अधिकत्तर धूम्रमुक्त रूप में किया जाता है। 

भारत न केवल सबसे बड़े तंबाकू उत्पादक देशों में से एक है बल्कि विश्व में तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों के 1/6वें हिस्से का ज़िम्मेदार भी है। इतना
ही नहीं किशोरों में तंबाकू के सेवन का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और भारत की वर्तमान तंबाकू नीति में कई विसंगतियाँ भी देखी जा रही हैं। तंबाकू की खपत का स्तर अनपढ़ बच्चों और किशोर बच्चों में अधिक है। भारत में धूम्रपान करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में धूम्रपान करने वालों की संख्या में 12 प्रतिशत लोग भारत के है। तंबाकू में निकोटीन नामक पदार्थ होता है। निकोटीन कुछ समय के लिए अच्छा महसूस कराता हैं, लेकिन इसका लंबे समय तक उपयोग, हृदय, फेफड़े और पेट के साथ साथ तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। 

तम्बाकू से संबंधित बीमारियों की वजह से हर साल क़रीब 5 मिलियन लोगों की मौत हो रही है। जिनमें लगभग 1.5 मिलियन महिलाएं शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनियाभर में 80 फ़ीसदी पुरुष तम्बाकू का सेवन करते हैं, लेकिन कुछ देशों की महिलाओं में तम्बाकू सेवन की प्रवृत्ति तेज़ी से बढ़ रही है। दुनियाभर के धूम्रपान करने वालों का क़रीब 10 फ़ीसदी भारत में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में क़रीब 25 करोड़ लोग गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि के ज़रिये तम्बाकू का सेवन करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ दुनिया के 125 देशों में तम्बाकू का उत्पादन होता है।
दुनियाभर में हर साल 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज़्यादा लोग इसका सेवन करते हैं। भारत में 10 अरब सिगरेट का उत्पादन होता है। भारत में 72 करोड़ 50 लाख किलो तम्बाकू की पैदावार होती है। भारत तम्बाकू निर्यात के मामले में ब्राज़ील, चीन, अमरीका, मलावी और इटली के बाद छठे स्थान पर है। आंकड़ों के मुताबिक़ तम्बाकू से 2022 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की आय हुई थी। विकासशील देशों में हर साल 8 हज़ार बच्चों की
मौत अभिभावकों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के कारण होती है।

दुनिया के किसी अन्य देश के मुक़ाबले में भारत में तम्बाकू से होने वाली बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। तम्बाकू पर आयोजित विश्व सम्मेलन और अन्य अनुमानों के मुताबिक़ भारत में तम्बाकू सेवन करने वालों की तादाद क़रीब साढ़े 29 करोड़ तक हो सकती है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में केवल 0.5 फ़ीसदी महिलाएं धूम्रपान करती हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह संख्या दो फ़ीसदी है। आंकड़ों की मानें तो पूरे भारत में 10 फ़ीसदी महिलाएं विभिन्न रूपों में तंबाकू का सेवन कर रही हैं। शहरी क्षेत्रों की 6 फ़ीसदी महिलाएं और ग्रामीण इलाकों की 12 फ़ीसदी महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। अगर पुरुषों की बात की जाए तो भारत में हर तीसरा पुरुष तम्बाकू का सेवन करता है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक़ कई देशों में तम्बाकू सेवन के मामले में लड़कियों की तादाद में काफ़ी इज़ाफ़ा हुआ है। हालांकि तम्बाकू सेवन के मामले में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ़ 20 फ़ीसदी ही है। बुल्गारिया, चिली, कोलंबिया, चेक गणराज्य, मेक्सिको और न्यूजीलैंड सहित दुनिया के क़रीब 151 देशों में किए गए सर्वे के मुताबिक़ लड़कियों में तंबाकू सेवन की प्रवृत्ति लड़कों के मुक़ाबले ज़्यादा बढ़ रही है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक़ तम्बाकू या सिगरेट का सेवन करने वालों को मुंह का कैंसर की होने की आशंका 50 गुना ज़्यादा होती है। तम्बाकू में 25 ऐसे तत्व होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। तम्बाकू के एक कैन में 60 सिगरेट के बराबर निकोटिन होता है। एक अध्ययन के अनुसार 91 प्रतिशत मुंह के कैंसर तम्बाकू से ही होते हैं। युवाओं को तंबाकू से दूर रखने के लिये एक बृहत् दृष्टिकोण आवश्यक है। शिक्षा संस्थानों के पास के क्षेत्र में तंबाकू के विज्ञापनों के होर्डिंग, बैनर आदि को प्रतिबंधित कर देना चाहिये, साथ 100 मीटर के आस-पास के क्षेत्र में तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध को लागू करने और फिर उसके समुचित पालन पर ध्यान देने की ज़रूरत है। यदि सिगरेट के मूल्य बढ़ेंगे तो भी युवा इसके प्रयोग को हतोत्साहित होंगे। युवाओं का नशे की तरफ रुझान बढ़ रहा है। यह एक गंभीर विषय है। यह युवा हमारे देश का उज्वल भविष्य है। इसलिए आज की युवा पीड़ी को चाहिये कि वे नशे की तरफ रुझान न देकर योगा, खेल और अच्छी किताबों की तरफ आकर्षित हों ताकि आने वाला कल उनके लिए उज्वल भविष्य हो।

“एक दो, एक दो, धूम्रपान करना छोड़ दो।”
“तम्बाखू जिसने खाया , यमराज ने उसको बुलाया ।”

(जीवन धीमान) 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!