Edited By ,Updated: 19 Feb, 2020 02:57 AM
एक अनुमान के अनुसार पंजाब में लगभग 2.5 लाख बेसहारा जानवर सड़कों पर घूम रहे हैं जिनमें गौवंश 1 लाख के लगभग है। इनकी देखभाल के नाम पर राज्य की तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने 19 अक्तूबर, 2015 को विभिन्न वस्तुओं पर ‘काऊ सैस’ लगाया था जिनमें फोर व्हीलर,...
एक अनुमान के अनुसार पंजाब में लगभग 2.5 लाख बेसहारा जानवर सड़कों पर घूम रहे हैं जिनमें गौवंश 1 लाख के लगभग है। इनकी देखभाल के नाम पर राज्य की तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने 19 अक्तूबर, 2015 को विभिन्न वस्तुओं पर ‘काऊ सैस’ लगाया था जिनमें फोर व्हीलर, तेल की ढुलाई करने वाले टैंकर, ए.सी. और नॉन ए.सी. मैरिज पैलेस, देसी शराब आदि शामिल हैं।
पंजाब में काऊ सैस के रूप में करोड़ों रुपए एकत्रित होते हैं परंतु राज्य सरकार द्वारा यह राशि गौवंश पर खर्च न करने के चलते गौभक्तों में रोष व्याप्त है जिसे व्यक्त करने के लिए गत दिवस लुधियाना में गायों के गले में तख्तियां लटका कर भाजपा की ओर से प्रदर्शन भी किया गया। इन तख्तियों पर लिखा था, ‘‘लालू हमारा चारा खा गया और कैप्टन अमरेंद्र खा गया हमारा सैस।’’
लुधियाना पश्चिम भाजपा के हलका इंचार्ज श्री कमल चेतली के अनुसार काऊ सैस के नाम पर एकत्रित करोड़ों रुपयों की राशि राज्य सरकार बेसहारा गौवंश की देखभाल पर खर्च करने की बजाय अपनी अन्य जरूरतें पूरी करने में इस्तेमाल कर रही है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 400 से अधिक गौशालाएं हैं जिनमें से अधिकांश निजी स्तर पर गौभक्तों द्वारा अपने संसाधनों से ही चलाई जा रही हैं। यह बेसहारा गौवंश जहां शहरों और गांवों में सड़क दुर्घटनाओं के कारण प्रतिवर्ष लगभग 1000 मौतों का कारण बन रहा है, वहीं गांवों में किसानों की फसलों को भी भारी क्षति पहुंचा रहा है। यही नहीं, संबंधित विभागों द्वारा दुर्घटनाओं और बीमारी आदि के परिणामस्वरूप सड़कों पर मृत पड़े गौवंश को जल्दी उठा कर ठिकाने नहीं लगाया जाता जिससे बीमारी फैलने का भी खतरा बना रहता है।
चूंकि पंजाब सरकार गौवंश के नाम पर करोड़ों रुपए सैस के रूप में एकत्रित करती है अत: इसे चाहिए कि यह देसी गौवंश की नस्ल में सुधार कर अधिक दूध देने वाली नस्लें तैयार करे। इसके साथ ही आवश्यकता इस बात की भी है कि राज्य सरकार बेसहारा गौवंश के लिए गौशालाएं बनवा कर जल्दी से जल्दी उन्हें वहां शिफ्ट करवाए ताकि उनकी उचित देखभाल हो सके और सड़कों पर गौवंश के बेसहारा घूमने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं और फसलों की तबाही पर रोक लग सके।—विजय कुमार