‘तृणमूल के दलबदलुओं से भाजपा की तौबा’‘बंगाल में शह और मात का खेल जारी’

Edited By ,Updated: 05 Feb, 2021 04:42 AM

bjp s fight with trinamool defectors

इस समय जबकि पश्चिम बंगाल के चुनावों में तीन महीने का ही समय बचा है, एक ओर भाजपा ने ममता बनर्जी को सत्ताच्युत करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है तो दूसरी ओर भाजपा नेतृत्व द्वारा अंधाधुंध तृणमूल कांग्रेस के दलबदलुओं को पार्टी में शामिल करने के...

इस समय जबकि पश्चिम बंगाल के चुनावों में तीन महीने का ही समय बचा है, एक ओर भाजपा ने ममता बनर्जी को सत्ताच्युत करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है तो दूसरी ओर भाजपा नेतृत्व द्वारा अंधाधुंध तृणमूल कांग्रेस के दलबदलुओं को पार्टी में शामिल करने के विरुद्ध पार्टी में बगावत और रोष भड़क उठा है। इसी मुद्दे को लेकर 21 जनवरी को आसनसोल में भाजपा कार्यालय में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के सामने पार्टी के पुराने और तृणमूल कांग्रेस से आए नए पार्टी वर्करों के बीच जम कर मारपीट हुई। 

इसी दिन बर्दवान में भी पुराने भाजपा वर्करों ने दफ्तर में घुस कर जिला पार्टी अध्यक्ष संदीप नंदी के विरुद्ध नारेबाजी और हंगामा किया। इसके बाद पार्टी के पुराने और नए वर्करों के बीच जबरदस्त लड़ाई और पत्थरबाजी के परिणामस्वरूप आधा दर्जन से अधिक भाजपा वर्कर घायल हो गए। भाजपा के पुराने वर्करों का आरोप है कि संदीप नंदी उनकी उपेक्षा कर दलबदलुओं को अधिमान दे रहे हैं और एक वरिष्ठï नेता ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘यदि भाजपा टी.एम.सी. (तृणमूल कांग्रेस) के लोगों से भर जाएगी तो यह उसकी बी टीम जैसी नजर आएगी।’’ दलबदलुओं को शामिल करने के विरुद्ध भाजपा वर्करों में व्याप्त असंतोष को देखते हुए प्रदेश पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष को यह कहने पर विवश होना पड़ा कि ‘‘यह जरूरी नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस से दल बदल कर आने वालों को कोई पद दिया जाएगा।’’ 

अब तो भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी कह दिया है कि ‘‘हम नहीं चाहते कि भाजपा तृणमूल कांग्रेस की बी टीम जैसी दिखाई देने लगे। हम ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल नहीं करेंगे जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं या जो अनैतिक और अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं।’’ ‘‘अब हम चुनिंदा आधार पर पूरी तरह जांच-पड़ताल के बाद ही किसी को पार्टी में शामिल करेंगे क्योंकि पार्टी की विभिन्न जिला शाखाओं के नेता आंख मूंद कर थोक के भाव लोगों को पार्टी में शामिल करने से प्रसन्न नहीं हैं।’’ भाजपा नेतृत्व द्वारा ऐसा कहने के बावजूद दल-बदलुओं को पार्टी में शामिल करना अभी भी थमा नहीं है तथा मारपीट के आरोपी तृणमूल कांग्रेस विधायक दीपक हलदर को भाजपा में शामिल कर लिया गया है। 

ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छोडऩे वालों को सत्ता के लोभी, स्वार्थी तथा लालची बताया और कहा कि सभी सड़े हुए तत्व पार्टी छोड़ कर जा रहे हैं। उन्होंने नाम लिए बिना हाल ही में पार्टी छोड़ कर भाजपा में जाने वाले वन मंत्री राजीव बनर्जी की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि : 

‘‘एक व्यक्ति जिस पर वन विभाग में भर्ती की जिम्मेदारी थी वह भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है। चोरी करने के बाद वह भाजपा में चले गए हैं। हम भ्रष्टाचार करके भाजपा में शामिल होने वालों की जांच करवाएंगे। इन लोगों ने इसलिए पार्टी छोड़ी है क्योंकि इन्हें पता था कि इन्हें अब पार्टी का टिकट मिलने वाला नहीं है।’’ वह बोलीं, ‘‘भाजपा भ्रष्टाचारियों का दाग धोने वाली वाशिंग मशीन तथा ऐसा गैस का गुब्बारा है जो केवल मीडिया में ही जिंदा है। इसके पास प्रवासी श्रमिकों की यात्रा का खर्चा उठाने के लिए धन नहीं है लेकिन इन भ्रष्ट नेताओं की यात्रा का प्रबंध करने के लिए धन खर्च करने से परहेज नहीं है।’’ ममता ने तृणमूल कांग्रेस छोडऩे वाले नेताओं को भाजपा में शामिल करने के लिए एक चार्टर्ड विमान भेजने को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा तथा केंद्र सरकार पर पैसे के बल पर भ्रष्ट नेताओं को खरीदने का आरोप लगाया।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 फरवरी को अपने बंगाल दौरे के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए बंगाल को 4742 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का तोहफा देने जा रहे हैं। 2007 में लैफ्ट सरकार द्वारा नंदीग्राम में जब्री भूमि अधिग्रहण के विरुद्ध आंदोलन के दौरान, जिसमें 14 लोग मारे गए थे, ममता बनर्जी तथा उनके उस समय के विश्वस्त साथी शुभेंदु अधिकारी, जो अब भाजपा में शामिल हो गए हैं, ने मिल कर लैफ्ट सरकार के विरुद्ध संघर्ष किया था। 

2016 में शुभेंदु अधिकारी यहीं से चुनाव जीत कर ममता सरकार में मंत्री बने और अब एक बार फिर वह यहीं से चुनाव लड़ रहे हैं परंतु इस बार ममता और उनकी राहें जुदा हो चुकी हैं और ममता ने उनके विरुद्ध चुनाव लडऩे की घोषणा करके मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि यदि उन्होंने ममता को 50,000 वोटों से नहीं हराया तो वह राजनीति छोड़ देंगे। कुल मिलाकर भाजपा व तृणमूल कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे को झटके पर झटका दे रहे हैं। 

इसका ताजा उदाहरण 3 फरवरी को मिला जब तृणमूल से भाजपा में गए पूर्व मंत्री मुकुल राय के साले सृजन राय के अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता ज्योति प्रकाश चटर्जी, अभिनेत्री नीलांजना मजूमदार, दार्जीलिंग जिले की प्रमुख आदिवासी नेता ज्योति तिर्की, उत्तरी बंगाल के प्रमुख ट्रेड यूनियन नेता आलोक चक्रवर्ती और प्रमुख व्यवसायी मानव जायसवाल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही दलों के बीच ‘शह’ और ‘मात’ का खेल कुछ इस तरह पूरे जोर-शोर से जारी है और इसमें किसे सफलता मिलती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।—विजय कुमार 

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