Edited By ,Updated: 22 Mar, 2020 02:41 AM
एक ओर समूचे विश्व के साथ-साथ भारत में भी कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है तो दूसरी ओर इससे बड़ी संख्या में मौतों के अलावा इसके पडऩे वाले अन्य प्रभाव विश्व समुदाय के लिए भारी ङ्क्षचता का विषय बन रहे हैं। इस महासंकट से निपटने के लिए केंद्र और...
एक ओर समूचे विश्व के साथ-साथ भारत में भी कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है तो दूसरी ओर इससे बड़ी संख्या में मौतों के अलावा इसके पडऩे वाले अन्य प्रभाव विश्व समुदाय के लिए भारी ङ्क्षचता का विषय बन रहे हैं। इस महासंकट से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा यथासंभव किए जा रहे प्रयासों के बीच न सिर्फ अधिकारियों द्वारा बल्कि आम लोगों द्वारा भी सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों की अवहेलना की जा रही है।
अनेक अस्पतालों में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों की संतोषजनक ढंग से जांच नहीं हो रही। नवांशहर के निकट मिले पंजाब में कोरोना वायरस के पहले पॉजीटिव रोगी के मामले में जालंधर के सिविल अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। आरोप है कि वह सबसे पहले यहां आया था परंतु उसे अपने क्षेत्र में जाकर टैस्ट करवाने के लिए कह दिया गया। यदि जालंधर के डाक्टर उसके टैस्ट आदि करते तो शायद रोग जल्दी पकड़ में आ जाता और उसकी मौत न होती। भोपाल के प्रसिद्ध हमीदिया अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के लिए आइसोलेशन वार्ड तो बनाया गया है परंतु वहां ओ.पी.डी. को इस वार्ड से अलग नहीं किया गया जिससे दूसरे लोगों के संक्रमित होने का खतरा है। यहां मास्क और हैंड सैनीटाइजरों आदि की कमी भी है। डाक्टरों तक को मास्क न मिलने की शिकायत रही।
अनेक अस्पतालों में जांच के लिए आने वाले संदिग्ध संक्रमितों को अन्य सामान्य रोगियों के साथ पंक्तियों में एक-दूसरे से जुड़ कर खड़े होने की शिकायतें हैं जबकि सुरक्षा के लिए इन दिनों प्रत्येक व्यक्ति को एक-दूसरे के साथ कम से कम एक मीटर की दूरी बना कर रखनी चाहिए। समाज विरोधी तत्वों द्वारा कोरोना के इलाज के नाम पर बेकार की वस्तुएं बेच कर भी लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है। महाराष्ट्र के भिवंडी में एक निजी कम्पनी के मालिक अमर पारीक के विरुद्ध समाचारपत्र में ‘कोरोना का इलाज करने वाली मैट्रेस’ का विज्ञापन छपवाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। मुम्बई में एक डाक्टर सुभाष चंद्र यादव और वैद्य सरवर खान के विरुद्ध कोरोना से बचाने में सक्षम दवा बेचने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। इनका दावा था कि 300 रुपए में मिलने वाली उनकी दवा की 3 खुराकें खाने से कोरोना से मुक्ति मिल जाती है। कोलकाता में पुलिस ने कोरोना से बचाव के नाम पर ‘गौमूत्र सेवन कार्यक्रम’ आयोजित करने वाले एक भाजपा कार्यकत्र्ता नारायण चटर्जी को गिरफ्तार किया है।
एक ओर कोरोना के उपचार के नाम पर ऐसी बातें सामने आ रही हैं तो दूसरी ओर स्वयं अधिकारी एवं आम लोग कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टैंसिंग एवं अन्य निर्देशों का पालन नहीं कर रहे। पंजाब में 20 से अधिक लोगों को एक स्थान पर जमा न होने के आदेश दिए गए हैं परंतु सरकार के 3 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोहों में इससे कहीं अधिक लोग शामिल हो रहे हैं। तेलंगाना के वारंगल में फ्रांस से लौटे एक युवक के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है जिसने अपनी शादी में 1000 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया था। औरंगाबाद में 19 मार्च को एक विवाह पार्टी में 100 मेहमान आमंत्रित करने पर एक दम्पति के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। बाजार में आवश्यक वस्तुओं के अभाव की आशंका के दृष्टिगत लोगों में ‘पैनिक परचेजिंग’ के रुझान के चलते कई लोगों द्वारा महीनों का राशन खरीद कर घरों में भर लेने से खाद्य वस्तुओं का कृत्रिम अभाव पैदा हो गया है और रही-सही कसर जमाखोरों ने पूरी कर दी जिससे सब्जियों सहित सभी खाद्य वस्तुओं के मूल्यों में 20 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई है।
हवाई टिकट महंगे हो गए हैं, रेलवे ने किरायों में मिलने वाली छूट हटा दी है। अन्य उद्योगों के अलावा बड़ा झटका पर्यटन उद्योग को भी लगा है और पर्यटन उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यदि यह संकट इसी प्रकार जारी रहा तो देश में इससे जुड़े 3.8 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में जहां कोरोना का प्रसार रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के संबंधित विभागों तथा आम लोगों को अत्यधिक जागरूकता और सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का पूर्णत: पालन करना जरूरी है, वहीं लोगों को प्रधानमंत्री के आह्वान पर 22 मार्च को ‘जनता कफ्र्यू’ का पालन करके इस महासंकट के विरुद्ध संघर्ष में हाथ बंटाने की भी जरूरत है।—विजय कुमार