Edited By ,Updated: 15 Sep, 2022 05:21 AM
काफी समय से देश में खनन माफिया ने प्रकृति को नुक्सान पहुंचाने का सिलसिला शुरू कर रखा है। मिट्टी और पत्थर के लिए पहाड़ों तथा नदियों में अंधाधुंध खुदाई से प्राकृतिक संतुलन बुरी तरह
काफी समय से देश में खनन माफिया ने प्रकृति को नुक्सान पहुंचाने का सिलसिला शुरू कर रखा है। मिट्टी और पत्थर के लिए पहाड़ों तथा नदियों में अंधाधुंध खुदाई से प्राकृतिक संतुलन बुरी तरह बिगडऩे के साथ ही हमारे सुरक्षा व सामरिक महत्व के निर्माणों को भी क्षति पहुंच रही है।
* हाल ही में सेना ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पंजाब के सीमांत जिलों में अवैध खनन पाकिस्तान की गुप्तचर एजैंसी द्वारा प्रायोजित नशा तस्करों, आतंकियों व राष्ट्रविरोधी तत्वों के लिए सुविधाजनक स्थिति बना रहा है। अवैध खनन से नदियों की गहराई बढ़ जाने से सेना के बंकरों को नुक्सान पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पूर्ण रोक के आदेश के बावजूद गुरदासपुर और पठानकोट में अवैध खनन लगातार जारी है।
इसी बीच 12 सितम्बर को पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने अमृतसर और तरनतारन जिलों में होने वाले अवैध खनन पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि इससे सरहद पर बने सेना के मोर्चों, बंकरों और पुलों तक को हानि पहुंच रही है जो देश और राज्य की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है, अत: ऐसे लोगों के विरुद्ध देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अवैध खनन की आड़ में राष्ट्र विरोधी तत्व देश में दाखिल हो सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को सीमांत क्षेत्रों में अवैध खनन कठोरतापूर्वक रोकने के निर्देश भी दिए। दूसरी ओर रेल मंत्रालय के अनुसार पंजाब के सीमांत जिलों से होकर गुजर रही नदियों में अवैध खनन तथा रेल पिलरों तक जमीन खोद देने के चलते कई छोटे-बड़े रेलवे पुलों के लिए खतरा बढ़ गया है।
* हिमाचल प्रदेश में गत 20 अगस्त को अवैध खनन के कारण ‘चक्की नाले’ पर बने रेलवे पुल के ढह जाने के दृष्टिगत डिप्टी कमिश्रर निपुण जिंदल ने आदेश दिया है कि अवैध खनन में संलिप्त लोगों के विरुद्ध सरकारी सम्पत्ति की चोरी के आरोप में केस दर्ज किया जाए जो गैर जमानती अपराध है।
* हरियाणा में भी राजस्थान सीमा पर अरावली शृंखला के निकट तथा अन्य स्थानों पर अवैध खनन जोरों पर है जिस कारण नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस क्षेत्र को ‘नो माइनिंग जोन’ घोषित कर दिया है।
हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले की पुलिस ने लोगों को अवैध खनन के विरुद्ध जागरूक करने के लिए गांंवों में मुनादी करवानी शुरू कर रखी है तथा इसके साथ ही गांव वासियों को अवैध खनन में संलिप्त न होने और अवैध रूप से खनन किए हुए सामान की ढुलाई में सहयोग न देने की अपील कर रही है।
* हाल ही में जम्मू डिवीजन में खनन माफिया की गतिविधियों में तेजी देखी गई है जिसके बाद प्रशासन विशेष रूप से पठानकोट के साथ लगते कठुआ जिले में अवैध खनन में शामिल लोगों के विरुद्ध हरकत में आया है। पिछले कुछ समय के दौरान कठुआ में रावी नदी से अवैध खनन कर रहे 40 से अधिक वाहन जब्त किए गए हैं।
जम्मू जिले में भी अवैध खनन गंभीर रूप धारण कर चुका है जिसके दृष्टिïगत जम्मू की डिप्टी कमिश्रर ‘अवनी लवासा’ ने संबंधित अधिकारियों को ऐसी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले वाहनों की रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया है।
* उत्तर प्रदेश में भी अनेक स्थानों पर अवैध खनन गतिविधियों के समाचार मिल रहे हैं। 14 सितम्बर को माफिया के सदस्य खनन विभाग की पूरी टीम को बंधक बनाकर उसके द्वारा जब्त किया डम्पर छीन कर ले गए।
* राजस्थान के विभिन्न जिलों में भी खनन माफिया सक्रिय है तथा धौलपुर एवं अन्य स्थानों पर धड़ल्ले से अवैध खनन करके खनन उत्पादों को शहर तक पहुंचा रहा है।
धौलपुर के चांदपुरा गांव में अवैध खनन रोकने गई वन विभाग की टीम पर माफिया के 3 दर्जन से अधिक सदस्यों ने हमला करके वन विभाग की जीप तोड़ दी व चंद अधिकारियों को घायल भी कर दिया। उक्त घटनाक्रमों से स्पष्ट्र है कि आज देश में खनन माफिया पर्यावरण के साथ-साथ देश की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है जिसे किसी न किसी रूप में राजनीतिक और पुलिस संरक्षण प्राप्त है और इसके सामने कानून बेबस होकर रह गया है। अत: इस संबंध में माफिया के साथ-साथ उन्हें शरण देने वाले राजनीतिज्ञों और पुलिस कर्मचारियों, अधिकारियों आदि का पता लगा कर उनके विरुद्घ कठोरतम पग उठाने की आवश्यकता है।—विजय कुमार