मुरारी बापू द्वारा सैक्स वर्करों के कल्याण के प्रयास

Edited By Pardeep,Updated: 03 Jan, 2019 03:43 AM

murari bapu attempts to welfare of sax workers

संत समाज के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं, इसीलिए उन्हें समाज में विशेष सम्मान का दर्जा प्राप्त है। उनसे यही अपेक्षा की जाती है कि वे सबको एक समान समझते हुए समाज के उपेक्षित और शोषित वर्ग को गले लगाकर उनके उत्थान का प्रयास करके समाज के सामने एक उदाहरण...

संत समाज के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं, इसीलिए उन्हें समाज में विशेष सम्मान का दर्जा प्राप्त है। उनसे यही अपेक्षा की जाती है कि वे सबको एक समान समझते हुए समाज के उपेक्षित और शोषित वर्ग को गले लगाकर उनके उत्थान का प्रयास करके समाज के सामने एक उदाहरण पेश करेंगे। 

देश-विदेश के लाखों लोगों को जीवन का सही मार्ग बताने वाले श्री मुरारी बापू ने अप्रत्याशित रूप से 13 दिसम्बर को मुम्बई में सैक्स वर्करों की बस्ती ‘कमाठीपुरा’ का दौरा किया और वह अनेक सैक्स वर्करों के ‘घरों’ तक में गए और लगभग 60 सैक्स वर्करों से बातचीत की। बापू के कमाठीपुरा आने से पहले यहां की सैक्स वर्करों को कहा गया था कि, ‘‘एक भगवान का आदमी उनसे मिलने के लिए आने वाला है।’’ इस पर एक सैक्स वर्कर मुमताज ने कहा, ‘‘भगवान के आदमी यहां नहीं आते। इसलिए हम जानना चाहती थीं कि भगवान का आदमी कैसा दिखता है।’’ बापू से मिलने वाली सैक्स वर्करों ने उनसे अपनी अनेक समस्याएं सुलझाने में सहायता करने का आग्रह किया जिनमें पुलिस द्वारा उन्हें परेशान करना, उनके मकानों की खस्ता हालत और सफाई का अभाव आदि शामिल हैं। मुरारी बापू कमाठीपुरा में आधे घंटे के लगभग रहे। परंतु इलाके की सैक्स वर्करों ने कहा कि उन्हें संत मुरारी बापू का उनकी बस्ती में आना हमेशा याद रहेगा। अनुसूया नामक एक सैक्स वर्कर ने कहा : 

‘‘मैंने सारा जीवन इस धंधे में खपा दिया परंतु इससे पहले कोई ऐसा व्यक्ति हमारी बस्ती में नहीं आया। वह खुद हमारे यहां आए और मैं उनके दर्शनों का अवसर किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहती थी।’’ संत मुरारी बापू ने बाद में सैक्स वर्करों को 22 से 30 दिसम्बर तक अयोध्या में की जाने वाली रामकथा में आने के लिए निमंत्रित किया और अपने सहायकों से अयोध्या आने की इच्छुक सैक्स वर्करों के वहां मुफ्त आवास और खाने-पीने आदि का प्रबंध करने के लिए कहा। उनके निमंत्रण पर मुम्बई के अलावा सूरत, कोलकाता, कानपुर और लखनऊ से 200 के लगभग सैक्स वर्कर अयोध्या पहुंचीं। संत मुरारी बापू ने उनके अयोध्या प्रवास के सभी खर्च उठाने के अलावा उन्हें उनकी 9 दिनों की कमाई के बराबर नकद राशि भी अयोध्या से विदा होते समय दिलवाई। बापू ने अपनी कथा के दौरान सैक्स वर्करों के कल्याण और उत्थान के लिए 3 करोड़ रुपए एकत्रित करने के लिए अभियान चलाने की घोषणा की तथा 11 लाख रुपए का आरंभिक योगदान करके इसे शुरू किया। 

संत मुरारी बापू के एक शिष्य के अनुसार यह राशि सैक्स वर्करों की इच्छा के अनुसार उनके कल्याण पर खर्च की जाएगी। इसमें स्वास्थ्य संबंधी देखभाल, पुराने लटकते आ रहे ऋण को उतारना तथा अपने बच्चों की पढ़ाई आदि पर खर्च करना शामिल है। सैक्स वर्कर स्वयं अपना इकट्ठ करके इस बारे में फैसला करेंगी। संत मुरारी बापू का सैक्स वर्करों की बस्ती में जाना, उन्हें कथा सुनने के लिए अयोध्या निमंत्रित करना और उनके कल्याण के लिए 3 करोड़ रुपए एकत्रित करने का निर्णय सराहनीय और संत समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।

उनसे पूर्व ऐसा किसी संत ने नहीं किया होगा। संत समाज से जुड़े अन्य लोगों को भी इस शोषित और उत्पीड़ित वर्ग की ओर ध्यान देना चाहिए। संत-महात्माओं द्वारा इनकी बस्तियों में जाकर अपने उपदेशों और प्रवचनों से सैक्स वर्करों की जीवन की धारा को बदलने, इन्हें शोषण से मुक्त करके अपने पैरों पर खड़ी होकर समाज में सम्मानजनक रूप से जीवन व्यतीत करने में सक्षम बनाने के प्रयास उनमें आत्मविश्वास का संचार करने, उन्हें नारकीय जीवन से बाहर निकालने और उन्हें अध्यात्म की ओर मोडऩे में सहायक हो सकते हैं।—विजय कुमार 

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