अपनी जिम्मेदारी से भटक अपराधों में संलिप्त हो रहे सुरक्षाकर्मी

Edited By ,Updated: 28 Jul, 2020 02:34 AM

security personnel indulging in misdemeanor crimes by their responsibility

हालांकि पुलिस एवं सुरक्षा से जुड़े अन्य विभागों के कर्मचारियों पर देशवासियों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते इनसे अनुशासित और कत्र्तव्य परायण होने की अपेक्षा की जाती है परन्तु आज देश में ऐसे अनेक कर्मचारी और अधिकारी अपने आदर्शों से भटक कर स्वयं ही...

हालांकि पुलिस एवं सुरक्षा से जुड़े अन्य विभागों के कर्मचारियों पर देशवासियों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते इनसे अनुशासित और कत्र्तव्य परायण होने की अपेक्षा की जाती है परन्तु आज देश में ऐसे अनेक कर्मचारी और अधिकारी अपने आदर्शों से भटक कर स्वयं ही कत्र्तव्य पालन में लापरवाही, नशाखोरी, लूटमार, बलात्कार, रिश्वतखोरी और यहां तक कि स्वयं नशे आदि की तस्करी में संलिप्त पाए जा रहे हैं : 

* 13 जुलाई को बठिंडा जेल में बंद गैंगस्टरों को नशीला पदार्थ पहुंचाते हुए जेल के स्पैशल सैल में तैनात हैड वार्डन रविन्द्र सिंह पकड़ा गया।
* 13 जुलाई को बी.एस.एफ. के एक जवान सुमित कुमार को हथियारों और ड्रग्स की तस्करी समेत देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में एक विदेशी पिस्तौल, 82 कारतूस, 3 मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया। 

* 20 जुलाई को करनाल पुलिस ने करनाल जिले के कचिन्वा गांव से मनजीत सिंह नामक पूर्व सैनिक को 100 किलो चूरा-पोस्त के साथ पकड़ा। 
* 20 जुलाई को लुधियाना सैंट्रल जेल में बंद कैदी को तम्बाकू की पुडिय़ा सप्लाई करने जा रहे आई.आर.बी. के हैड कांस्टेबल पुष्विन्द्र सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। 
* 22 जुलाई को बठिंडा में पंजाब पुलिस के थानेदार राजविंद्र सिंह, उसकी पत्नी कुलदीप कौर तथा बेटे हरप्रीत सिंह को 121 ग्राम हैरोइन की तस्करी के आरोप में पकड़ा गया। 

* 23 जुलाई को हरियाणा की भोंडसी जेल में तैनात डिप्टी जेल सुपरिंटैडैंट धर्मवीर चौटाला के घर पर छापा मार कर 230 ग्राम नशीले पदार्थ और 11 मोबाइल सिम कार्ड जब्त किए गए।
पूछताछ के दौरान धर्मवीर चौटाला ने स्वीकार किया कि उसने 20,000 रुपए प्रत्येक की दर से हवालातियों को ‘4जी’ सिम उपलब्ध करवाए। वह कैदियों को 50,000 रुपए की दर से मोबाइल फोन बेचा करता था। 

* 24 जुलाई को सैंट्रल जेल फिरोजपुर में पगड़ी में 298 नशीली गोलियां और नकद राशि छिपा कर हवालाती को देने जा रहा सिपाही आदर्श कुमार पकड़ा गया।
* 24 जुलाई को उत्तर प्रदेश में कानपुर के अपहृत लैब टैक्नीशियन संजीत यादव की रिहाई के लिए 30 लाख रुपए की फिरौती राशि चुकाए जाने के बावजूद उसे बचाने में नाकाम रहे 11 पुलिस कर्मी निलंबित किए गए।

उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि पुलिस एवं सुरक्षा से जुड़े अन्य विभागों के चंद अधिकारी और कर्मचारी आज अपने कत्र्तव्यों से किस कदर भटक चुके हैं। अत: ऐसे कत्र्तव्य विमुख अधिकारियों के विरुद्ध तेजी से कार्रवाई करके उन्हें शिक्षाप्रद दंड दिया जाना चाहिए।—विजय कुमार

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