विश्व का ‘आठवां वंडर’ होगा भगवान राम का भव्य मंदिर

Edited By ,Updated: 05 Aug, 2020 04:19 AM

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भगवान श्री राम जी का जन्म त्रेता युग में अयोध्या में हुआ था। उसी स्थान पर राम मंदिर बनाया गया था। श्री गुरु नानक देव जी अयोध्या आए थे और श्री राम जी को स्मरण किया था। अयोध्या पावन

भगवान श्री राम जी का जन्म त्रेता युग में अयोध्या में हुआ था। उसी स्थान पर राम मंदिर बनाया गया था। श्री गुरु नानक देव जी अयोध्या आए थे और श्री राम जी को स्मरण किया था। अयोध्या पावन सप्तपुरियों में एक पुरी के रूप में विख्यात है। 

बाबर का मंदिर पर आक्रमण
बाबर एक विदेशी आक्रमणकारी था। वह क्रूर एवं आततायी शासक था। वह कुतलुग निगार खानम की कोख से पैदा  हुआ था, जो फरगाना की राजधानी अंदीजान की रहने वाली थी। उसका पिता उमरशेख मिर्जा फरगाना का शासक था। बाबर का असली नाम जहीरुद्दीन मोहम्मद था। वह बाबर के नाम से प्रसिद्ध था। बाबर के कहने पर उसके सेनापति मीर बाकी ने सन् 1528 ई. में मंदिर को तोड़ कर बाबरी ढांचा खड़ा करवा दिया। 

अडवानी जी की रथ यात्रा
भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर आंदोलन को खुल कर अपने हाथों में ले लिया। अडवानी जी देश भर में माहौल बनाने के लिए 25 सितम्बर 1990 को सोमनाथ मंदिर से 30 अक्तूबर तक अयोध्या की रथ यात्रा पर निकले। देश भर में इनका भव्य स्वागत किया गया। इस रथ यात्रा में श्री अडवानी जी के साथ श्री नरेंद्र मोदी जी भी थे। बिहार में लालू प्रसाद यादव ने अडवानी जी को गिरफ्तार करके रथयात्रा रोक दी। 

30 अक्तूबर 1990 पहली कार सेवा यात्रा
उस समय मुलायम सिंह की सरकार थी। 30 अक्तूबर को लाखों लोग (राम भक्त) मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या पहुंच गए। उस समय मुलायम सिंह ने कार सेवकों को रोकने के लिए बहुत कड़े प्रबंध कर रखे थे परन्तु सभी फेल हो गए। कार सेवक ढांचे के गुंबद पर चढ़ गए। प्रशासन ने उस समय कार सेवकों पर गोली चलवा दी और सैंकड़ों कार सेवक शहीद हो गए। उस समय मुलायम सिंह को मुल्ला मुलायम कहा जाने लगा। वे ङ्क्षहदुओं में बेहद अलोकप्रिय हो गए और अगली विधानसभा में पराजित हो गए। 2 नवम्बर 1990 को राम भक्तों पर गोलियां चलाई गई थीं। कई राम भक्त मारे गए थे। 

6 दिसम्बर 1992 मेरी दूसरी कार सेवा यात्रा
जब दूसरी बार कार सेवा अयोध्या में प्रारंभ हुई तो मेरे अधिकारियों ने मुझे जाने के लिए कहा। उस समय मुझे बुखार था और टाइफायड की रिपोर्ट का इंतजार था। उन्होंने कहा रास्ते में श्री राम जी बुखार ठीक कर देंगे। 15 लोगों का जत्था आपके नेतृत्व में जाएगा। मैं गाड़ी में लेट कर दिल्ली पहुंचा। रास्ते में मुझे सूचना मिल गई कि मुझे टाइफायड है। 

पहली अद्भुत घटना
मैंने भगवान राम जी से प्रार्थना की कि मुझे जाना तो अवश्य है आपकी विशेष कृपा बनी रहे। श्री राम जी की कृपा से मेरा बुखार तो ठीक हो गया। दिल्ली पहुंचने पर हमारे संघ अधिकारियों ने सूचना दी आगे तो आपको पैदल ही जाना होगा। यदि तुम ट्रेन से जाओगे तो तुम पकड़े जाओगे। पुलिस कार सेवकों को जाने से रोक रही है। मैं और मेरे साथियों ने जय श्री राम का नारा लगाया और पैदल ही अयोध्या की ओर चल पड़े। 

हमने चार दिन पैदल यात्रा की थी। हम लोग जंगल बियाबान और घुटने-घुटने पानी को लांघते हुए अयोध्या की ओर जा रहे थे। रास्ते में पुलिस राम भक्तों को पकडऩे के लिए सड़कों पर बैठी हुई थी। पुलिस की नजर से बचते हुए हम खेतों एवं जंगलों में से गुजरते हुए आगे बढ़ रहे थे। दिल्ली से अयोध्या तक राममय वातावरण बना हुआ था। चारों ओर जय श्री राम के नारे चल रहे थे। राम भक्त जयकारे लगा रहे थे, ‘‘सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे।’’ रात्रि के समय सोने के लिए जनता ने हवेलियों एवं घरों में प्रबंध कर रखा था। मुझे याद है हम जमीन पर घास-फूस जमीन पर बिछा कर सो जाते थे। 

दूसरी अद्भुत घटना
मुझे याद है जब मुझे अयोध्या जाने के लिए दिल्ली आना था तो मैंने साधारण चप्पल पहनी हुई। रास्ता लम्बा था और पांव में भी जूते नहीं थे। चलते-चलते मेरे पांव में मोच आ गई। मेरे साथी काफी दूर निकल चुके थे और मेरे आने की इंतजार कर रहे थे। जहां वे रुके वहां एक मालशिया बैठा हुआ था। मालशिया ने मेरे पैरों की मालिश की परन्तु मोच में कोई खास अंतर नहीं पड़ा था। मैंने प्रभु राम को दिल से याद किया और दिल में ही कहा : 

‘‘प्रभु राम मैं तेरा कार्य करने के लिए आया हूं और मुझे समय पर भी पहुंचना है और तुम्हारा ही अयोध्या में मंदिर बनाना है। मेरे पर शीघ्र कृपा करो।’’ थोड़ी दूर पर बाजार था। मैं बूटों की दुकान पर पहुंचा और कपड़े के बूट खरीदे। बूट पहन कर जब मैंने प्रभु राम को दिल से फिर याद किया तो आप विश्वास करें या न करें मेरी मोच बिल्कुल समाप्त हो गई थी। बाबरी ढांचा गिराया जा रहा था। राम भक्त जय श्री राम का जयघोष लगा रहे थे। भूमि स्थल पर मंदिर बनाने के लिए ईंटें लगाईं और जय श्री राम के नारे लगाए और 1528 का कलंक धो दिया। 6 दिसम्बर सन् 1992 का दिन विश्व के इतिहास में सदैव वर्णनीय रहेगा कि किस प्रकार हिंदू समाज ने भारत के माथे पर लगे कलंक को मिटाया है। 

मेरी तीसरी अयोध्या यात्रा 
मैं और मेरे साथी तीसरी बार राम मंदिर के दर्शन के लिए गए। मैं देखना चाहता था कि माथा टेकने वाले राम भक्तों को कठिनाई तो नहीं आ रही। जब मैं माथा टेकने के लिए गया तो मेरी तलाशी ली गई और गहन पूछताछ की गई। मैंने एक ही बात कही कि मैं पंजाब से रामलला के दर्शन करने के लिए आया हूं। आज मुझे लिखते हुए बहुत ही प्रसन्नता हो रही है कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है जो विश्व का ‘आठवां वंडर’ होगा जिसका शिलान्यास परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आज 5 अगस्त को कर रहे हैं।मोदी हैं तो सब मुमकिन है।-बलदेव राज चावला(पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, पंजाब)
 

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