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पंजाब को क्यों नहीं चाहिए ‘शराब’ की होम डिलीवरी

Edited By ,Updated: 23 Feb, 2020 05:21 AM

why punjab does not want home delivery of liquor

पंजाब सरकार के हाल ही में लिए गए उस निर्णय की आलोचना हो रही है जिसमें उसने मोहाली में शराब की आपूॢत हेतु आनलाइन होम डिलीवरी मॉडल के लिए कोशिश की है। शुरूआती स्तर पर इसकी आलोचना होना सम्भावित था, वास्तव में जब महाराष्ट्र में पूर्व भाजपा नीत सरकार ने...

पंजाब सरकार के हाल ही में लिए गए उस निर्णय की आलोचना हो रही है जिसमें उसने मोहाली में शराब की आपूर्ति हेतु आनलाइन होम डिलीवरी मॉडल के लिए कोशिश की है। शुरूआती स्तर पर इसकी आलोचना होना सम्भावित था, वास्तव में जब महाराष्ट्र में पूर्व भाजपा नीत सरकार ने इसी तरह की स्कीम को लागू करने की कोशिश की तब सभी प्रतिक्रियाएं इसके विपरीत थीं। आलोचनाओं के चलते कुछ समय के बाद सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा। पंजाब में ऐसी स्कीम के खिलाफ मामला और भी सशक्त है। 

पंजाब में शराब का प्रति व्यक्ति वार्षिक उपभोग 7.9 लीटर 
देश में पंजाब शराब का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। प्रति व्यक्ति वार्षिक उपभोग 7.9 लीटर है जिससे पंजाब देश भर में दूसरे स्थान पर आता है। शराब के सेवन की ऊंची दर पंजाब में पाई जाती है जिसका स्वास्थ्य तथा समाज पर विपरीत असर पड़ता है। राज्य में भारी शराब के सेवन के अलावा लोगों को मादक पदार्थों की भी लत है। शराब की आनलाइन डिलीवरी इसके उपभोग में और वृद्धि ला देगी। राज्य सरकार इससे ज्यादा एक्साइज की कमाई करती है। मगर ज्यादा एक्साइज तभी सम्भव है यदि शराब का सेवन भी ज्यादा हो। इस कारण सरकार शराब को प्रोत्साहित करने में लगी है। 

शराब पर कई पाबंदियां लगाने के हक में है डब्ल्यू.एच.ओ.
दूसरी तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) तथा अन्य एजैंसियां उपभोग में कमी लाने के लिए शराब पर कई पाबंदियां लगाने के हक में हैं। पंजाब सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए इसकी विपरीत दिशा में चल रही है। यदि शराब की आनलाइन होम डिलीवरी की अनुमति दे दी गई तब कम आयु के लोगों की शराब खरीदने की अनुमति पर लगी पाबंदी कुछ नहीं कर पाएगी क्योंकि ऐसे लोगों द्वारा कुछ आपूर्तिकत्र्ताओं से आनलाइन शराब पाना आसान हो जाएगा। 

किशोरों में शराब के सेवन का रुझान बढ़ा 
पंजाब में ऐसे भी समाचार हैं कि किशोरों द्वारा शराब के सेवन तथा अनियंत्रित मद्यपान का रुझान बढ़ रहा है जो कि चिंता वाली बात है। एम्स के नैशनल ड्रग डिपैंडैंस ट्रीटमैंट सैंटर द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, पंजाब में शराब पीने वाले 10 से 17 वर्ष की आयु के किशोरों की गिनती एक लाख 20 हजार है। 

हरियाणा शराब के सेवन से दूर रहने की पालिसी अपना रहा 
मोहाली विशेष तौर पर आनलाइन शराब के प्रयोग की एक बुरी पसंद है। मोहाली में छात्रों की बहुतायत है क्योंकि यह चंडीगढ़ के निकट स्थित है। हरियाणा शराब के सेवन से दूर रहने की पालिसी अपना रहा है। क्या मोहाली में आनलाइन होम डिलीवरी के प्रयोग को अमल में लाने से पहले चंडीगढ़ के प्रतिनिधियों या फिर प्रशासन से परामर्श किया गया? क्या महिला संगठनों से भी राय मांगी गई? यदि उनसे कोई राय मांगी तो क्या सरकार ने उसको महत्ता दी? 

तंग राजनीतिक परिप्रेक्ष्य होने के नाते शराब की आनलाइन होम डिलीवरी स्कीम सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी पर भारी पड़ सकती है। पिछले चुनाव में ड्रग का विषय महत्वपूर्ण मुद्दा बना था और यह अगले चुनावों में भी छाया रहेगा। कांग्रेस ने इस पर अंकुश लगाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। क्योंकि अब सरकार शराब के उपभोग को बढ़ाने का एक नया रास्ता लाई है तब इसकी विश्वसनीयता पर बुरा असर पड़ेगा। 

पंजाब सरकार ड्रग कंट्रोल पर कैसे बात कर सकती है
जब आप शराब के उपभोग को बढ़ाने की बात कर रहे हैं तब आप ड्रग कंट्रोल पर कैसे बात कर सकते हैं। अकाली दल तथा भाजपा जैसी विपक्षी पार्टियों को अब मौका मिल जाएगा। वे यह मुद्दा जोर-शोर से उठाएंगी। खालिस्तानी समर्थक लोग भी इस मुद्दे को हवा देंगे क्योंकि इससे वे पंजाब सरकार को शराब जैसी सामाजिक बुराई को प्रोत्साहित करने वाली सरकार मानेंगे। सरकार दूसरे कई अन्य क्षेत्रों में अच्छी कारगुजारी नहीं कर रही। कांग्रेस हाईकमान राज्य सरकार के इस स्कीम को पूरे राज्य में फैलाने के निर्णय को मूर्खतापूर्ण करार देगी। महिला तथा युवा कांग्रेसी तथा अन्य संगठन इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे। 

कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी की विरासत तथा उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने पर जोर देती है। यदि कांग्रेस की ऐसी कोई सरकार गांधी की विचारधारा से अलग चलेगी तब कांग्रेस को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। अपने आलोचकों से वह मुंह की खाएगी। उसे इस स्कीम को लागू करने के निर्णय को बचाने के लिए मुश्किल हो जाएगा।-भरत डोगरा     
            

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