देश के आयात में 12% गिरावट, कुल निर्यात भी घटा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Sep, 2023 01:37 PM

12 decline in country s imports total exports also decreased

चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में भारत के कुल आयात में 12 प्रतिशत की कमी आई है। वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वाणिज्यिक आयात के 10 केंद्रों में से सिर्फ रूस और स्विट्जरलैंड से आयात बढ़ा है। भारत की रूस के कच्चे तेल पर निर्भरता बीते डेढ़...

नई दिल्लीः चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने में भारत के कुल आयात में 12 प्रतिशत की कमी आई है। वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वाणिज्यिक आयात के 10 केंद्रों में से सिर्फ रूस और स्विट्जरलैंड से आयात बढ़ा है। भारत की रूस के कच्चे तेल पर निर्भरता बीते डेढ़ वर्ष में बढ़ गई है। इससे रूस से होने वाले आयात में वृद्धि हुई है। देश में अप्रैल-अगस्त के दौरान सालाना आधार पर वस्तुओं का आयात 86.56 प्रतिशत बढ़कर 25.69 अरब डॉलर हो गया। इस क्रम में भारत को होने वाले कुल आयात में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर 9.45 प्रतिशत हो गई जबकि यह बीते साल की आलोच्य अवधि में 4.45 प्रतिशत थी। अप्रैल-अगस्त के दौरान मूल्य के संदर्भ में देखा जाए तो रूस दूसरा सबसे बड़ा आयातक था। इसके बाद चीन था।

स्विट्जरलैंड से आयात बढ़ने का प्रमुख कारण सोने की मांग में इजाफा होना था। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक जुलाई से सोने के कुल आयात में बढ़ोतरी हुई। इसका प्रमुख कारण त्योहारी मौसम का शुरू होना था। स्विट्जरलैंड से आमतौर पर सोने का आयात होता है। अप्रैल से अगस्त के दौरान भारत के कुल आयात में स्विट्जरलैंड की हिस्सेदारी बढ़कर 3.08 प्रतिशत हो गई थी जबकि एक साल पहले की आलोच्य अवधि में 2.16 प्रतिशत थी। जुलाई से अगस्त के दौरान अलग-अलग देशों के कारोबार का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।

अप्रैल-जून की अवधि में रूस से होने वाले कच्चे तेल के आयात में छूट मिलने के कारण 171 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इस अवधि में सोने के आयात में 30 फीसदी का इजाफा हुआ था जिससे इससे अवधि में स्विट्जरलैंड से होने वाले आयात में इजाफा हुआ।

भारत के आयात में गिरावट आई है। शीर्ष 10 आयात साझेदारों में चीन (-4.37 प्रतिशत), यूएसए (-17.61 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (-23.43 प्रतिशत), सऊदी अरब (-28.44 प्रतिशत), इराक (-34.77 प्रतिशत), इंडोनेशिया (-32.5 प्रतिशत), सिंगापुर (-8.93 प्रतिशत), दक्षिण कोरिया (-0.83 प्रतिशत) हैं। भारत के कुल वाणिज्यिक आयात में शीर्ष 10 देशों की हिस्सेदारी 59.3 प्रतिशत रही।

निर्यात

भारत के शीर्ष 10 निर्यात साझेदारों में यूएसए, यूएई, चीन, सिंगापुर, बांग्लादेश और जर्मनी को होने वाले निर्यात में गिरावट हुई। इससे भारत के कुल निर्यात में 12 प्रतिशत की गिरावट आई। इस क्रम में 10 में से चार बाजारों नीदरलैंड, यूके, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया को होने वाले निर्यात में इजाफा हुआ। इन दस देशों की भारत के कुल निर्यात में हिस्सेदारी 49 फीसदी है।

इस साल की शुरुआत से ही भारत के वाणिज्यिक निर्यात में गिरावट के प्रमाण मिले हैं। इसका कारण प्रमुख बाजारों के केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीति की सख्ती और महंगाई के कारण मांग का कम होना था। इससे इन देशों की ब्राह्य मांग पर असर पड़ा था।

भारत के बीते एक दशक से सबसे बड़े निर्यात मार्केट अमेरिका को होने वाला निर्यात का मूल्य 10.24 प्रतिशत गिरकर 31.55 अरब डॉलर हो गया। भारत का कुल निर्यात गिरकर 17.9 प्रतिशत आ गया जबकि एक साल पहले यह 18.24 प्रतिशत था। भारत के सबसे बड़े कारोबारी साझेदार और चौथे सबसे बड़े निर्यात साझेदार चीन से निर्यात 7.62 प्रतिशत गिरकर 6.3 अरब डॉलर हो गया।
 

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