Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Apr, 2018 08:45 AM
सफलता पाने के लिए लोग देश-विदेश से डिग्रीयां हासिल करते हैं लेकिन एक ऐसा शख्स जिसने स्कूल पढ़ाई को तवज्जो न देकर अपने हुनर को निखारा और कामयाबी हासिल की।
नई दिल्लीः सफलता पाने के लिए लोग देश-विदेश से डिग्रीयां हासिल करते हैं लेकिन एक ऐसा शख्स जिसने स्कूल पढ़ाई को तवज्जो न देकर अपने हुनर को निखारा और कामयाबी हासिल की।
हम बात कर रहे हैं चंडीगढ़ के रहने वाले त्रिशनीत अरोड़ा की, जिसकी मेहनत और लगन की वजह से फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया 2018 में शामिल किया गया है। वह 25 साल के हैं और साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट हैं। करोड़ों का कारोबार करने वाली साइबर सिक्यॉरिटी फर्म टीएसी सिक्यॉरिटी सलूशंस के फाउंडर और सीईओ हैं।
8वीं में फेल होने के बाद छोड़ा स्कूल
एक मध्यम-वर्गीय परिवार में पले-बढ़े त्रिशनीत को बचपन से ही पढ़ाई में कम और कंप्यूटर में ज्यादा दिलचस्पी थी। पूरे दिन कंप्यूटर में हैकिंग सीखने की वजह से त्रिशनीत की पढ़ाई नहीं हो पाती और वह 8वीं में फेल हो गए। रिजल्ट आने पर माता-पिता से डांट खाई लेकिन त्रिशनीत ने हार नहीं मानी और कंप्यूटर में अपनी रुचि को बरकरार रखते हुए रेग्युलर पढ़ाई छोड़कर 12वीं तक कॉरस्पॉन्डेंस से पढ़ाई करने का फैसला किया।
लिख चुके हैं किताब
त्रिशनीत अरोड़ा आज दुनिया के एक जाने-माने साइबर सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट हैं। त्रिशनीत हैकिंग पर एक किताब भी लिख चुके हैं- 'हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स'। टीएसी सुरक्षा कंपनियों लिए मूल्यांकन और परीक्षण का काम करता है और उनकी साइबर सुरक्षा में कमजोरियों की पहचान करता है। इससे पहले कि फर्जी हैकर्स उन्हें प्रतिकूल रूप से इस्तेमाल कर सकें यह नेटवर्क और सूचना संपत्ति को विभिन्न गतिविधियों से सुरक्षित करने में सहायता करता है।
रिलायंस आैर सीबीआर्इ क्लाइंट लिस्ट में शमिल
त्रिशनीत को अपना काम शुरू करने के लिए पापा ने उन्हे 75 हजार रुपए दिए थे, हालांकि इस दौरान उनके पापा ने उन्हें ये जरूर कहा था कि ये पैसा डूबना ही है। उसी पैसे से शुरूआत करने के बाद आज दुनिया भर की बड़ी कंपनियों में काम कर रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी त्रिशनीत की क्लाइंट लिस्ट में भारत की कर्इ बड़ी कंपनियां शामिल है। इसमें रिलायंस, सीबीआर्इ, पंजाब पुलिस, गुजरात पुलिस, अमूल आैर एवन साइकिल जैसे कुछ प्रतिष्ठित नाम है जो इनसे अपने सेक्युरिटी संबंधित सेवाएं लेती है।