एनसीएलटी के कर्ज समाधान मामलों में 43% उछाल: आईबीबीआई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 May, 2024 05:45 PM

43 percent jump in debt resolution cases of nclt ibbi

कई बाधाओं के बीच भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने 2023-24 को एक ऐतिहासिक वर्ष घोषित किया है। इसमें राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा किए गए समाधान मामले 43 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 270 रहे हैं जो पिछले...

कोलकाताः कई बाधाओं के बीच भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने 2023-24 को एक ऐतिहासिक वर्ष घोषित किया है। इसमें राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा किए गए समाधान मामले 43 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 270 रहे हैं जो पिछले साल 189 मामले थे। उम्मीद है कि आईबीबीआई दिवाला और ऋण अक्षमता संहिता (आईबीसी) में ‘मध्यस्थता' को शामिल करने के लिए अगले दो-तीन महीनों में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी। फिलहाल इसपर चर्चा और जांच चल रही है। 

नियामक बड़े कॉरपोरेट मामलों के लिए प्रीपैकेज्ड समाधान पर भी काम कर रहा है, जिसकी अनुमति अब तक केवल एमएसएमई मामलों में ही है। आईबीबीआई के पूर्णकालिक सदस्य सुधाकर शुक्ला ने सीआईआई द्वारा आयोजित सातवें ‘इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड कॉन्क्लेव' को संबोधित करते हुए कहा कि एक साल में पहली बार नए मामलों की संख्या से समाधान हुए मामलों की संख्या बढ़ी है, जिससे पूरे भारत में लंबित मामलों में कमी आई है। 

उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में बाधाओं के बावजूद 3.5 लाख करोड़ रुपए का समाधान हासिल किया गया और 10 लाख करोड़ रुपए के 27,000 आवेदन वापस ले लिए गए। इससे आईबीसी देश में ऋण समाधान के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन गया। शुक्ला ने कहा कि कानून समय के साथ विकसित हुआ है और इसमें सुधार के लिए हस्तक्षेप उल्लेखनीय रहे हैं। 
 

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