Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Jun, 2020 04:20 PM
अडाणी ग्रीन एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उसे एसईसीआई से देश में आठ गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का विकास करने और दो गीगावाट क्षमता के उपकरण विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए 45,000 करोड़ रुपए का ठेका मिला है। कंपनी ने बताया कि दुनिया में ये अपनी...
बिजनेस डेस्कः अडाणी ग्रीन एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उसे एसईसीआई से देश में आठ गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का विकास करने और दो गीगावाट क्षमता के उपकरण विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए 45,000 करोड़ रुपए का ठेका मिला है। कंपनी ने बताया कि दुनिया में ये अपनी तरह का सबसे बड़ा ठेका है, और इसके लिए 45,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और इससे चार लाख लोगों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोगजार मिलेगा। कंपनी ने बताया कि साथ ही इस परियोजना के चालू होने से इसके जीवनकाल में कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में 90 करोड़ टन की कमी आएगी।
कंपनी ने बताया कि इस ठेके के साथ ही कंपनी 2025 तक 25 गीगावाट उत्पादन क्षमता तैयार करने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगी। इसके लिए कंपनी की योजना अगले पांच वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 1,12,000 करोड़ रुपए निवेश करने की है। कंपनी के बयान के अनुसार, ‘‘अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईेएल) ने भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसीसीआई) से अपनी तरह की पहली विनिर्माण सहित सौर परियोजना हासिल की है।
एजीईएल ने बताया कि ठेके के तहत वह आठ गीगावाट की सौर परियोजना का विकास करेगी और साथ ही दो गीगावाट के अतिरिक्त सौलर सेल और माड्यूल विनिर्माण क्षमता की स्थापना भी की जाएगी। इस ठेके के साथ ही अडाणी ग्रीन एनर्जी की निर्माणाधीन या करार के तहत कुल परिचालन क्षमता 15 गीगावाट क्षमता हो गई है। अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने कहा कि यह ठेका हमारे देश द्वारा जलवायु परिवर्तन के संबंध में किए गए वादों को पूरा करने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान को साकार करने की दिशा में एक और कदम है।