Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Jul, 2023 11:12 AM
सरकार एक तरफ महंगाई पर काबू पाने की तमाम कोशिशें कर रही है लेकिन दूसरी तरफ मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले से ही लाल हुए टमाटर और प्याज के बाद अब अरहर दाल आम लोगों को रुला रही है। सरकार पिछले कुछ दिनों से अरहर या तुअर दाल के भाव पर...
बिजनेस डेस्कः सरकार एक तरफ महंगाई पर काबू पाने की तमाम कोशिशें कर रही है लेकिन दूसरी तरफ मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले से ही लाल हुए टमाटर और प्याज के बाद अब अरहर दाल आम लोगों को रुला रही है। सरकार पिछले कुछ दिनों से अरहर या तुअर दाल के भाव पर लगाम लगाने में जुटी है लेकिन इसके दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स डेटा के मुताबिक, 16 जुलाई तक अरहर दाल की कीमत पिछले एक साल के मुकाबले 32 फीसदी तक चढ़ चुकी है। यहां तक कि पिछले एक हफ्ते में भी अरहर दाल काफी महंगी हो चुकी है। सिर्फ जून की बात करें तो इस दाल की कीमत 7 फीसदी तक बढ़ चुकी है। एक महीना पहले अरहर दाल की कीमत 127.37 रुपए प्रति किलो थी जो 16 जुलाई को बढ़कर 136.29 रुपए किलो पहुंच गई। जबकि एक साल पहले अरहर दाल का भाव 103.03 रुपए किलो था।
हर दाल का बढ़ा भाव
अरहर दाल के साथ उड़द और मूंग दाल की कीमतें भी बढ़ चुकी हैं। पिछले एक साल में उड़द दाल जहां 10% महंगा हुई है जबकि मूंग दाल की कीमतें 8.8% बढ़ चुकी है।
दालों की बुआई का रकबा हुआ कम
दालों की कीमतें ऐसे समय में बढ़ी हैं जब पहले ही बुआई का रकबा घट गया है। मानसून में देरी, कहीं ज्यादा कहीं कम बारिश होने की वजह से अगले सीजन के लिए दाल की बुआई कम हुई है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक, 9 जुलाई तक के आंकड़ों को देखें तो पिछले साल के मुकाबले 25.8 फीसदी कम रकबे पर दाल की बुआई हुई है। देश के कुल दाल उत्पादन में महाराष्ट्र और कर्नाटक की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा है लेकिन इस साल इन इलाकों में बारिश कम हुई है।