Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 May, 2024 05:36 PM
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश फरवरी के अंत में 1.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया] जो पिछले छह साल का उच्चतम स्तर है। इस आंकड़े में शेयर, ऋण और हाइब्रिड प्रतिभूतियों में पी-नोट्स के जरिये किया गया निवेश शामिल है।...
नई दिल्लीः भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश फरवरी के अंत में 1.5 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया] जो पिछले छह साल का उच्चतम स्तर है। इस आंकड़े में शेयर, ऋण और हाइब्रिड प्रतिभूतियों में पी-नोट्स के जरिये किया गया निवेश शामिल है। सेबी के साथ पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) उन विदेशी निवेशकों को पी-नोट्स जारी करते हैं जो अपना पंजीकरण कराए बगैर भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें समुचित जांच-पड़ताल से गुजरना पड़ता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय बाजारों- इक्विटी, ऋण और हाइब्रिड प्रतिभूतियों में पी-नोट्स से निवेश का मूल्य फरवरी के अंत में 1,49,517 करोड़ रुपए था, जबकि जनवरी अंत में यह 1,43,011 करोड़ रुपए था। सेबी के आंकड़ों से पता चलता है कि यह राशि जून, 2017 के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जब पी-नोट्स से निवेश 1.65 लाख करोड़ रुपए था। पी-नोट्स में वृद्धि आमतौर पर एफपीआई प्रवाह के रुझान के अनुरूप होती है।
बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि फरवरी में निवेश बढ़ने का श्रेय मजबूत कॉरपोरेट आय और दिसंबर तिमाही के दौरान दर्ज सकारात्मक आर्थिक वृद्धि के रुझान को दिया जा सकता है। फरवरी तक इस मार्ग से डाले गए कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए में से 1.27 लाख करोड़ रुपए शेयरों में, 21,303 करोड़ रुपए ऋण प्रतिभूतियों में और 541 करोड़ रुपए हाइब्रिड प्रतिभूतियों में निवेश किए गए। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास मौजूद परिसंपत्तियां फरवरी के अंत में बढ़कर 68.55 लाख करोड़ रुपए हो गईं, जो जनवरी अंत में 66.96 लाख करोड़ रुपए थी। एफपीआई ने फरवरी में भारतीय शेयर बाजार में 1,539 करोड़ रुपए और ऋण या बॉन्ड बाजार में 22,419 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया।