Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jan, 2019 04:34 PM
सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के लिए बीता साल 5 वर्ष में सबसे अच्छा रहा और उसके यात्रियों की संख्या में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार
नई दिल्लीः सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के लिए बीता साल 5 वर्ष में सबसे अच्छा रहा और उसके यात्रियों की संख्या में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 में घरेलू मार्गों पर एयर इंडिया के यात्रियों की संख्या 13.03 प्रतिशत की दर से बढ़कर एक करोड़ 76 लाख के पार पहुंच गई।
हालांकि, इस दौरान देश के विमानन क्षेत्र की वृद्धि दर काफी ज्यादा रही और निजी विमान सेवा कंपनियों ने इसका ज्यादा लाभ उठाया। इससे एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी में लगातार गिरावट दर्ज की गई। इसके बावजूद 2015 से वह घरेलू बाजार में लगातार तीसरे स्थान पर बनी हुई है। वर्ष 2018 में एयर इंडिया का पैसेंजर लोड फैक्टर यानी भरी सीटों का औसत भी 5 साल में सबसे अच्छा रहा। यही कारण है कि कंपनी ने यात्रियों की संख्या में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की। करीब 55 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी कंपनी के लिए यह अच्छी खबर है।
- वर्ष 2014 में घरेलू मार्गों पर हवाई यात्रियों की संख्या 9.70 प्रतिशत बढ़ी और एयर इंडिया की 4.33 प्रतिशत बढ़ी तथा उसकी हिस्सेदारी 18.4 प्रतिशत रही।
- वर्ष 2015 में हवाई यात्रियों की संख्या 20.34 प्रतिशत और एयर इंडिया की 7.32 प्रतिशत बढ़ी तथा उसकी बाजार हिस्सेदारी घटकर 16.4 प्रतिशत रह गई।
- वर्ष 2016 में एयर इंडिया के यात्रियों की संख्या 9.71 प्रतिशत और देश में 23.18 प्रतिशत बढ़ी तथा एयर इंडिया की हिस्सेदारी घटकर 14.6 फीसदी रह गई।
- वर्ष 2017 में देश में हवाई यात्रियों की संख्या 17.31 फीसदी की दर से और एयर इंडिया के यात्रियों की संख्या 6.50 फीसदी की दर से बढ़ी और उसकी हिस्सेदारी घटकर 13.3 प्रतिशत पर आ गई।
- वर्ष 2018 में देश में हवाई यात्रियों की संख्या 18.60 प्रतिशत बढ़कर 13 करोड़ 89 लाख 76 हजार पर पहुंच गई जबकि एयर इंडिया के यात्रियों की संख्या 13.03 प्रतिशत बढऩे के बावजूद उसकी बाजार हिस्सेदारी घटकर 12.7 प्रतिशत रह गई।