एयर इंडिया के विनिवेश के लिए सही समय नहींः गडकरी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jul, 2018 07:25 PM

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि सरकार ने एयर इंडिया में विनिवेश पर कोई अंतिम फैसला करने से पहले अगले 3-4 महीने तक ‘इंतजार करो व देखो’ का रुख अपनाने का फैसला किया है।

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि सरकार ने एयर इंडिया में विनिवेश पर कोई अंतिम फैसला करने से पहले अगले 3-4 महीने तक ‘इंतजार करो व देखो’ का रुख अपनाने का फैसला किया है। गडकरी ने कहा कि विशेषकर ईंधन की ऊंची कीमतों सहित मौजूदा बाजार हालात को देखते हुए यह फैसला किया गया है।  

गडकरी ने कहा, ‘एयर इंडिया के विनिवेश के लिए अभी बाजार के हालात सही नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने अगले 3-4 महीने में इंतजार करो व देखो की नीति अपना रहे हैं।’

AI के VVIP विमान का सालाना रखरखाव खर्च बढ़ाया  
एयर इंडिया को राहत पहुंचाते हुए सरकार ने उसके तहत वीवीआईपी विमानों के संचालन और रखरखाव खर्च को 200 करोड़ रुपए बढ़ाने को मंजूरी दे दी। एयर इंडिया राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए ‘विशेष उड़ानों’ का संचालन करती है। इन उड़ानों में बोइंग बी 747- 400 जैसे वीवीआईपी विमानों का इस्तेमाल किया जाता है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इससे वित्तीय संकट का सामना कर रही इस विमानन कंपनी को कुछ राहत पहुंचेगी। इस संबंध में जारी सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘‘सीसीईए ने ‘स्पेशल एक्सट्रा सेक्शन फलाइट्स’ संचालन के खर्च को वर्ष 2016-17 के लिए 336.24 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 534.38 करोड़ रुपए कर दिया है। कर का भुगतान इसके अतिरिक्त होगा।’’ विमानों के रखरखाव के लिए 336.24 करोड़ रुपए की वार्षिक लागत को सीसीईए ने 2011 में तय किया था।  

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