Edited By ,Updated: 11 Nov, 2016 02:58 PM
अब आपका हवाई सफर महंगा होने वाला है। सरकार ने फ्लाइटों की दूरी के आधार पर लेवी या कर लगाने का फैसला लिया है। 1000 किमी. तक की दूरी वाली फ्लाइटों पर 7,500 रुपए और 1500 किमी. से ज्यादा दूरी की फ्लाइटों पर 8,500 रुपए लेवी या कर लगाएगी।
नई दिल्लीः अब आपका हवाई सफर महंगा होने वाला है। सरकार ने फ्लाइटों की दूरी के आधार पर लेवी या कर लगाने का फैसला लिया है। 1000 किमी. तक की दूरी वाली फ्लाइटों पर 7,500 रुपए और 1500 किमी. से ज्यादा दूरी की फ्लाइटों पर 8,500 रुपए लेवी या कर लगाएगी। यह कदम मोदी सरकार की देश के सभी भागों को आपस में हवाई नैटवर्क से जोड़ने की योजना के तहत उठाया गया है। लेवी से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल इस योजना के लिए होगा। नागरिक उड्डयन सचिव ने बताया कि सरकार रीजनल एयर कनैक्टिविटी स्कीम के तहत बड़े रूटों पर 8,500 रुपए उपकर लगाएगी।
वैसे आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। अकेले आपसे ही 8,500 रुपए नहीं वसूला जाएगा। यह चार्ज एक फ्लाइट के लिए होगा यानी उसमें सवार सभी यात्रियों पर इसे बांट दिया जाएगा। इस तरह से हर यात्रियों को 75 से 85 रुपए ज्यादा हवाई किराया का भुगतान करना होगा।
गौरतलब है कि मोदी सरकार हवाई सफर को आम आदमी के लिए सस्ता बनाना चाहती है। सरकार ने आम आदमी को हवाई सफर से जोड़ने की अपनी योजना का ऐलान इस साल अक्तूबर में किया है। इस योजना के मुताबिक छोटे शहरों को हवाई सफर से जोड़ा गया है। सरकार की इस योजना के मुताबिक 1 घंटे के सफर के लिए अब आपको मात्र 2500 रुपए किराए के तौर पर चुकाना होगा। माना जा रहा है कि 2500 रुपए में एक घंटे का हवाई सफर कराने वाली पहली उड़ान एक जनवरी 2017 से शुरू होगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने, रोजगार के अवसर बढ़ने और क्षेत्रीय विकास में संतुलन कायम होने की उम्मीद है।