Edited By Supreet Kaur,Updated: 26 Jun, 2018 11:07 AM
दिवालिया कम्पनी एयरसैल से कर्ज और ब्याज सहित 6,000 करोड़ रुपए की रिकवरी की उम्मीद टैलीकॉम डिपार्टमैंट ने छोड़ दी है। एयरसैल अभी कर्ज चुकाने के लिए दिवालिया कानून के तहत अपनी संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहा है। डिपार्टमैंट के बड़े अफसरों ने बताया...
बिजनेस डेस्कः दिवालिया कम्पनी एयरसैल से कर्ज और ब्याज सहित 6,000 करोड़ रुपए की रिकवरी की उम्मीद टैलीकॉम डिपार्टमैंट ने छोड़ दी है। एयरसैल अभी कर्ज चुकाने के लिए दिवालिया कानून के तहत अपनी संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहा है। डिपार्टमैंट के बड़े अफसरों ने बताया कि कम्पनी पर बैंकों का जो बकाया है, वह निकट भविष्य में उसके एक हिस्से का भी भुगतान नहीं कर पाएगी। बैंकों को कम्पनी से 19,000 करोड़ रुपए की वसूली करनी है। वहीं, मलेशिया की मैक्सिस की सब्सिडियरी एयरसैल पर बैंकों समेत ऑप्रेशनल क्रैडिटर्स के 50,000 करोड़ रुपए बकाया हैं।
टैलीकॉम डिपार्टमैंट के एक बड़े अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने अपने क्लेम का स्टेटमैंट अंतरिम रैजोल्यूशन प्रोफैशनल (आई.आर.पी.) के पास जमा करा दिया है, लेकिन प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम 2-3 साल का समय लगेगा। इस दौरान तय होगा कि कम्पनी कितनी रकम का भुगतान कर पाएगी और वह यह पैसा किन लोगों को चुकाएगी।’’
सरकार को एयरसैल से 6,666 करोड़ रुपए की रिकवरी करनी है। इसमें से 722 करोड़ रुपए वनटाइम स्पैक्ट्रम चार्ज (ओ.टी.एस.सी.) के रूप में हैं, जो बैंक गारंटी से कवर्ड हैं। बाकी की रकम स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज, लाइसैंस फीस, ब्याज और पनैल्टी के रूप में हैं, जिसके लिए टैलीकॉम डिपार्टमैंट को बैंक गारंटी नहीं मिली हुई है। ओ.टी.एस.सी. के तहत बकाया रकम को कम्पनी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर अभी फैसला आना बाकी है। अधिकारी ने बताया कि कम्पनी का टर्नअराऊंड मुश्किल लग रहा है। बकाया रकम हमारी और बैंकों की बुक में जाएगी।