Edited By Supreet Kaur,Updated: 31 May, 2018 09:10 AM
राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) व इसकी अनुषंगी रिलायंस इन्फ्राटेल तथा रिलायंस टेलीकाम के खिलाफ ऋणशोधन प्रक्रिया पर सशर्त रोक लगा दी। इसके साथ ही इन कंपनियों को अपनी आस्तियों को रिलायंस जियो को...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) व इसकी अनुषंगी रिलायंस इन्फ्राटेल तथा रिलायंस टेलीकाम के खिलाफ ऋणशोधन प्रक्रिया पर सशर्त रोक लगा दी। इसके साथ ही इन कंपनियों को अपनी आस्तियों को रिलायंस जियो को बेचने की अनुमति दी गई है।
अनिल अंबानी को बड़ी राहत
न्यायाधिकरण ने आरकॉम व इसकी अनुषंगियों से एरिक्सन इंडिया को 550 करोड़ रुपए का भुगतान 120 दिन में करने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर कंपनी के खिलाफ ऋणशोधन प्रक्रिया का निर्देश दिया जाएगा। यह 120 दिन की अवधि एक जून से शुरू होगी। एनसीएलएटी के इस कदम को कर्ज के बोझ से दबी, अनिल अंबानी की अगुवाई वाली आरकॉम के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। कंपनी अपनी आस्तियां रिलायंस जियो को बेचकर 25,000 करोड़ रुपए हासिल करने की उम्मीद कर रही है। एनसीएलएटी के चेयरमैन की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने आरकॉम के चेयरमैन/प्रबंध निदेशक को इस राशि के भुगतान के बारे में हल्फनामा देने को कहा है। एरिक्सन इंडिया को भी यह पेशकश स्वीकार करने का एक हल्फनामा देना होगा।
आपसी सहमति से मामला सुलझाएं कंपनियां
उल्लेखनीय है कि आरकॉम ने अपने परिचालन कर्जदाता एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए 500 करोड़ रुपए के अग्रिम भुगतान की पेशकश कल की थी। एरिक्सन ने इस कंपनी के खिलाफ दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता आदेश हासिल किया है। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में सुनवाई के दौरान आरकॉम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अग्रिम भुगतान का सुझाव रखा। इस पर एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनियों से आपसी सहमति से मामले को सुलझाने को कहा।