Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Aug, 2017 02:35 AM
निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को 9 जजों की....
नई दिल्ली: निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को 9 जजों की संवैधानिक बैंच में सुनवाई हुई। इस दौरान तमाम दलीलें पेश की गईं। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान टिप्पणी की कि वह आधार को खत्म नहीं करने जा रही है।
महाराष्ट्र सरकार ने दलील दी कि अदालतें निजता के अधिकार को संविधान के तहत मौलिक अधिकार के रूप में शामिल नहीं कर सकती हैं, सिर्फ संसद ही ऐसा कर सकती है। निजता के अधिकार विधायी अधिकार हैं, ये मौलिक अधिकार नहीं हैं। संसद चाहे तो संविधान में इसके लिए बदलाव कर सकती है। निजता को अन्य विधायी कानून के तहत संरक्षित किया गया है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील सी.ए. सुंदरम ने ये दलीलें पेश कीं। वहीं एडीशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आधार में जो डाटा लिया गया है उसका इस्तेमाल कर अगर सरकार सर्विलांस भी करना चाहे तो असंभव है।