महाराष्ट्र में तिलहन का रकबा 5 साल में सबसे ज्यादा, सोयाबीन 11% अधिक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Aug, 2018 12:28 PM

area of oilseed in maharashtra is highest in 5 years

चालू खरीफ सीजन में फसलों की कुल बुआई भले ही पिछड़ी नजर आ रही है लेकिन सोयाबीन की बुआई पिछले साल की अपेक्षा करीब 11 फीसदी अधिक हुई है। महाराष्ट्र में तो तिलहन फसलों की बुआई ने पिछले 5 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

मुंबईः चालू खरीफ सीजन में फसलों की कुल बुआई भले ही पिछड़ी नजर आ रही है लेकिन सोयाबीन की बुआई पिछले साल की अपेक्षा करीब 11 फीसदी अधिक हुई है। महाराष्ट्र में तो तिलहन फसलों की बुआई ने पिछले 5 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सबसे ज्यादा बुआई सोयाबीन की हुई है। राज्य में सोयाबीन की बुआई सरकारी अनुमान और सोयाबीन के कुल रकबे को भी पार कर गई है। 

खरीफ फसलों की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है। मॉनसून की अटपटी चाल की वजह से इस बार खरीफ फसलों की बुआई देश में पिछले साल की अपेक्षा कुछ कम हुई लेकिन तिलहन फसलों की बुआई शानदार दिख रही है। प्रमुख तिलहन उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में बुआई ने पिछले 5 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। तिलहन फसलों में सोयाबीन की बुआई सबसे ज्यादा हुई है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय और महाराष्ट्र कृषि मंत्रालय के बुआई के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 3 अगस्त तक 37.488 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हुई जबकि पिछले साल यानी 2017 में इस समय तक राज्य में 35.449 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हुई थी। महाराष्ट्र में 2016 में 36.806 लाख हेक्टेयर, 2015 में 32.198 लाख हेक्टेयर और 2014 में 25.798 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हुई थी। राज्य में 3 अगस्त तक का सोयाबीन का औसत रकबा 33.652 लाख हेक्टेयर है जबकि खरीफ सीजन का कुल सामान्य रकबा 35.84 लाख हेक्टेयर है। 

महाराष्ट्र कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सोयाबीन की बुआई अनुमान से भी बेहतर हुई है। किसानों को सोयाबीन में फायदा दिख रहा है, सरकार भी किसानों को उन फसलों की तरफ प्रोत्साहित करती है जिनमें किसानों को ज्यादा फायदा हो। सोयाबीन का रकबा बढऩे की प्रमुख वजह न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी है। चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन का एमएसपी बढ़ाकर 3,399 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है जो पिछले खरीफ सीजन में 3,050 रुपए प्रति क्विंटल था। अधिकारियों का कहना है कि सोयाबीन का रकबा बढऩे की वजह से तिलहन फसलों का रकबा पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा दिख रहा है।   

देश में तिलहन फसलों का रकबा करीब 11 फीसदी अधिक हुआ, जबकि महाराष्ट्र में तिलहन फसलों का रकबा पिछले साल की अपेक्षा करीब छह फीसदी अधिक है। इसके बावजूद राज्य में तिलहन फसलों का रकबा पांच साल में सबसे ज्यादा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र में 3 अगस्त तक तिलहन फसलों की बुआई का रकबा 39.498 लाख हेक्टेयर हो चुका है। पिछले साल इस समय तक महाराष्ट्र में तिलहन फसलों की बुआई 37.744 लाख हेक्टेयर में हुई थी जबकि राज्य में खरीफ सीजन के दौरान तिलहन फसलों का कुल रकबा 39.20 लाख हेक्टेयर बताया जा रहा है। 

देशभर के किसानों ने इस बार सोयाबीन की जमकर बुआई की है। ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 3 अगस्त तक देश में सोयाबीन का रकबा पिछले साल की अपेक्षा 11 फीसदी बढक़र 109.50 लाख हेक्टेयर पहुंच गया। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक खरीफ सीजन में सोयाबीन का सामान्य रकबा 112.51 लाख हेक्टेयर है जिसमें से अभी तक औसतन 107.19 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई होनी चाहिए थी। लेकिन सोयाबीन की बुआई इस रकबे से आगे जा चुकी है। कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि चालू सीजन में करीब करीब सोयाबीन की बुआई पूरी हो चुकी है। सबसे ज्यादा बुआई मध्य प्रदेश में 53.18 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 47.13 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हुई थी। 

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