Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Mar, 2018 11:36 AM
सरकार सोने पर बड़ी पॉलिसी की तैयारी कर ही है। इसके लिए गठित वातल कमिटी ने अपने सुझाव सरकार को सौंप दिए हैं। 200 पन्ने के इस रिपोर्ट में 2022 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए बड़ा खाका तैयार किया गया है। रिपोर्ट में देश की जीडीपी में गोल्ड इंडस्ट्री का...
नई दिल्लीः सरकार सोने पर बड़ी पॉलिसी की तैयारी कर ही है। इसके लिए गठित वातल कमिटी ने अपने सुझाव सरकार को सौंप दिए हैं। 200 पन्ने के इस रिपोर्ट में 2022 तक लक्ष्य हासिल करने के लिए बड़ा खाका तैयार किया गया है। रिपोर्ट में देश की जीडीपी में गोल्ड इंडस्ट्री का योगदान बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके तहत ज्वेलरी एक्सपोर्ट और रोजगार बढ़ाने का भी मेगाप्लान है। यही नहीं सोने की खपत बढ़ने से इकोनॉकी को जो डर है यानि करंट अकाउंट बढ़ने का, उसे भी साधा गया है।
वातल कमिटी ने सोने पर सरकार को कई बड़े सुझाव दिए है और 2022 तक का लक्ष्य तय करने की सिफारिश की है। इस सिफारिश में जीडीपी में गोल्ड इंडस्ट्री का योगदान बढ़ाने पर जोर देने के साथ ही ज्वेलरी एक्सपोर्ट और रोजगार बढ़ाने का खाका दिया गया है। वातल कमिटी की रिपोर्ट में इस सेक्टर में 1 करोड़ रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। वातल कमिटी के अपनी रिपोर्ट में सोने के लिए अलग एक्सचेंज बनाने, भारतीय गोल्ड काउंसिल बनाने, माइनिंग को बढ़ावा देकर घरेलू सप्लाई बढ़ाने और सीएडी पर असर रोकने के लिए एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के सुझाव दिए हैं।
सोने पर बड़े सुझाव देते हुए वाताल कमिटी ने कहा है कि सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई जाए, ज्वेलरी एक्सपोर्टर को 3 फीसदी आईजीएसटी से छूट दी जाए, ज्वेलरी सेक्टर पर जीएसटी मौजूदा 3 फीसदी से घटाई जाए, जीएसटी से छूट की सीमा मौजूदा 20 लाख से बढ़ाई जाए और तीन महीने के भीतर टैक्स रिफॉर्म पर फैसला लिया जाए।