विजय माल्या को बड़ा झटका, ब्रिटिश हाई कोर्ट ने खारिज की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Apr, 2020 04:31 PM

big shock to vijay mallya british high court dismisses petition

भारत सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित किए जा चुके कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है। इंग्लैंड और वेल्स की हाई कोर्ट ने सोमवार को भारत में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया है। भारत

बिजनेस डेस्कः भारत सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित किए जा चुके कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है। इंग्लैंड और वेल्स की हाई कोर्ट ने सोमवार को भारत में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया है। भारत में कई बैंकों से उनकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार लिए गए 9,000 करोड़ रुपए के वित्तीय अपराधों के लिए विजय माल्या वान्टेड हैं।

हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब माल्या के प्रत्यर्पण पर अंतिम निर्णय का मामला अब वहां की गृह सचिव प्रीति पटेल के पास जाएगा। माल्या ने 31 मार्च को अपने ट्वीट में कहा था, 'मैंने बैंको को लगातार उनके पूरे पैसे चुकाने के लिए ऑफर किया है। न तो बैंक पैसे लेने में तैयार रही है और ना ही प्रवर्तन निदेशालय संपत्तियों को छोड़ने के लिए। काश इस समय वित्त मंत्री मेरी बात को सुनतीं।'

भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के एक प्रवक्ता ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के लिए माल्या के पास 14 दिन का समय है। अगर वह अपील नहीं करते हैं तो उसके बाद 28 दिनों के भीतर हटा दिया जाता है। यदि वह अपील करता है, तो हम परिणाम का इंतजार करते हैं।'

विजय माल्या केस टाइमलाइन:

  • 2 मार्च, 2016 को विजय माल्या लंदन पहुंचा।
  • 21 फरवरी 2017 को होम सेक्रेटरी ने माल्या के प्रत्यर्पण के लिए अर्जी दी।
  • 18 अप्रैल, 2017 को विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया है। उसे उसी दिन बेल भी दे दी गई।
  • 24 अप्रैल 2017 को उसका भारतीय पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया।
  • 2 मई 2017 को उसने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया।
  • 13 जून 2017 वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस मैनेजमेंट और प्रत्यर्पण की सुनवाई शुरू हुई।
  • 10 दिसंबर 2018 को मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बुथनोट प्रत्यर्पण की मंजूरी देती हैं और गृह सचिव को फाइल भेजती हैं।
  • 3 फरवरी 2019 को गृह सचिव ने भारत को प्रत्यर्पण का आदेश दिया।
  • 5 अप्रैल 2019 को इंग्लैंड और वेल्स के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डेविड ने अपील करने के लिए कागजात पर अनुमति देने से इनकार कर दिया।
  • 2 जुलाई, 2019- एक मौखिक सुनवाई में, जस्टिस लेगट और जस्टिस पॉपप्वेल ने इस आधार पर अपील करने की अनुमति दी कि आर्बुथनॉट ने यह निष्कर्ष निकालने में गलती की थी कि भारत ने माल्या के खिलाफ एक प्रथम दृष्टया मामला कायम किया था।
  • 11-13 मई, 2020 को जस्टिस इरविन और जस्टिस लैंग ने अपील सुनी।
  • 20 अप्रैल, 2020 को अपील खारिज, अंतिम निर्णय के लिए गृह सचिव के पास गया मामला।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!