Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Dec, 2025 12:23 PM

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाने-पीने का कारोबार करने वाली कंपनियों को सख्त चेतावनी जारी की है। रेगुलेटर ने साफ कहा है कि जड़ी-बूटियों से बने घोल (हर्बल इन्फ्यूजन) और पौधों पर आधारित ड्रिंक्स को ‘चाय (Tea)’ नहीं कहा जा सकता,...
बिजनेस डेस्कः भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने खाने-पीने का कारोबार करने वाली कंपनियों को सख्त चेतावनी जारी की है। रेगुलेटर ने साफ कहा है कि जड़ी-बूटियों से बने घोल (हर्बल इन्फ्यूजन) और पौधों पर आधारित ड्रिंक्स को ‘चाय (Tea)’ नहीं कहा जा सकता, अगर वे असली चाय के पौधे कैमेलिया साइनेंसिस (Camellia sinensis) से तैयार नहीं किए गए हैं।
FSSAI के मुताबिक, ऐसे उत्पादों को ‘चाय’ के नाम से बेचना कानून का उल्लंघन है और इसे उपभोक्ताओं को गुमराह करने की श्रेणी में रखा जाएगा।
बुधवार को जारी निर्देश में रेगुलेटर ने बताया कि कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को ‘रुइबोस टी’, ‘हर्बल टी’ और ‘फ्लावर टी’ जैसे नामों से बाजार में बेच रही हैं, जबकि इनमें से कोई भी असली चाय के पौधे से नहीं बनाया जाता।
नियामक ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, मैन्युफैक्चरर्स, पैकर्स, मार्केटर्स, सेलर्स और आयातकों समेत सभी संबंधित कारोबारियों को नियमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है।
नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश
FSSAI ने स्पष्ट किया है कि किसी भी ऐसे उत्पाद के लिए सीधे या परोक्ष रूप से ‘चाय’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाए, जो कैमेलिया साइनेंसिस से तैयार न हो। इसके साथ ही राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बाजारों में इन नियमों को सख्ती से लागू कराएं।
रेगुलेटर का कहना है कि इस कदम का मकसद उपभोक्ताओं को सही जानकारी देना और खाद्य उत्पादों की गलत ब्रांडिंग पर रोक लगाना है।