Edited By Supreet Kaur,Updated: 19 Apr, 2018 11:15 AM
पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का जिन्न सरकार को डराने के लिए फिर से लौट आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो हजार रुपए के नोट जमाखोरों की मदद के लिए छापे गए थे। देश के कई हिस्सों में नकदी की समस्या के मद्देनजर उन्होंने कहा, इस बात का...
नई दिल्लीः पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का जिन्न सरकार को डराने के लिए फिर से लौट आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो हजार रुपए के नोट जमाखोरों की मदद के लिए छापे गए थे। देश के कई हिस्सों में नकदी की समस्या के मद्देनजर उन्होंने कहा, इस बात का अंदेशा है कि बैंकों में घोटालों के कारण बैंकिंग प्रणाली से लोगों का भरोसा उठ चुका है और वे अपनी बचत बैंकों में नहीं रख रहे हैं।
जमाखोरों के लिए छापे गए 2000 के नोट
चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का जिन्न सरकार और रिजर्व बैंक को डराने के लिए वापस लौट आया है। उन्होंने सवाल उठाया कि नोटबंदी के 17 महीनों के बाद भी अभी तक एटीएम मशीनों को नए नोटों के अनुरूप क्यों नहीं किया जा सका? चिदंबरम ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘‘500 रुपए और 1000 रुपए के नोट बंद करने के बाद सरकार ने 2000 रुपए का नोट छापना शुरू किया। अब सरकार शिकायत कर रही है कि 2000 रुपए के नोटों की जमाखोरी की जा रही है। हमें पहले से मालूम था कि 2000 रुपए के नोट जमाखोरों की मदद के लिए छापे गए हैं।’’
बैंकों से उठा लोगों का भरोसा
पूर्व वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक के नकदी की कमी नहीं होने दावे को खारिज करते हुए इसे असंतोषजनक बताया। उन्होंने कहा, यदि रिजर्व बैंक ने पर्याप्त नोट छापे और आपूर्ति की तो उसे बताना चाहिए कि नकदी की कमी कैसे हुई? उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे इस बात का शक है कि रिजर्व बैंक ने फसल सत्र के बाद की नकदी की मांग का आकलन करने में गंभीर गलती की है। उन्होंने कहा, ‘‘यह संभव है कि बैंकों पर लोगों का भरोसा कम हुआ है। बैंकों में हुए घोटाले इसकी वजह हो सकते हैं।’’ चिदंबरम ने डिजिटलीकरण को समर्थन देने की बात करते हुए कहा कि सरकार को डिजिटलीकरण की रफ्तार आरोपित नहीं करनी चाहिए और नकदी की आपूर्ति में जानबूझकर कमी नहीं लानी चाहिए।