दुनिया की EV रेस में चीन का दबदबा, टॉप-10 में भारत का नाम तक नहीं

Edited By Updated: 17 Nov, 2025 04:55 PM

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दुनिया भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड लगातार बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा लाभ चीन को मिल रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर कलपुर्जों और लिथियम-आयन बैटरी की सप्लाई चेन पर चीन का दबदबा है। इसी कारण वहां ईवी...

बिजनेस डेस्कः दुनिया भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड लगातार बढ़ रही है और इसका सबसे बड़ा लाभ चीन को मिल रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर कलपुर्जों और लिथियम-आयन बैटरी की सप्लाई चेन पर चीन का दबदबा है। इसी कारण वहां ईवी बनाना सस्ता पड़ता है और चीनी कंपनियां वैश्विक बाजार पर तेजी से कब्जा जमा रही हैं। दुनिया के टॉप 10 ईवी ब्रांड्स में से 5 चीन के हैं। इस लिस्ट में एलन मस्क की टेस्ला तीसरे स्थान पर है।

कौन-कौन है टॉप 10 में

एसएनई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल ईवी मार्केट में बीवाईडी 19.9% मार्केट शेयर के साथ पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर भी चीन की कंपनी गीली (10.2%) है। टेस्ला 7.7% बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है। जर्मनी की फॉक्सवैगन 6.7% और चीन की एसएआईसी 5.6% हिस्सेदारी के साथ क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान पर हैं।

6th: Changan (चीन) – 4.4%
7th: Hyundai–Kia (दक्षिण कोरिया) – 3.2%
8th: Chery (चीन) – 3.1%
9th: BMW (जर्मनी) – 3%
10th: Stellantis (नीदरलैंड) – 2.7%

भारत की स्थिति

भारतीय बाजार में टाटा मोटर्स पैसेंजर ईवी सेगमेंट की लीडर है और 62% हिस्सेदारी रखती है। महिंद्रा एंड महिंद्रा भी तेजी से अपने ईवी लाइनअप को बढ़ा रही है। हालांकि, भारतीय कंपनियां अभी वैश्विक टॉप 10 में जगह नहीं बना पाई हैं। पिछली साल बीवाईडी ने 17.6 लाख से अधिक ईवी बेचे, जबकि टाटा मोटर्स की ईवी बिक्री करीब 69,000 रही।
 

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