Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Apr, 2021 02:43 PM
कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर से देश में आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाए जाने की आशंकाओं के बीच उद्योग जगत का मानना है कि ऐसा हुआ तो श्रमिकों और माल की आवाजाही प्रभावित होगी तथा इसका औद्योगिक उत्पादन बड़ा असर पड़ेगा।
बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर से देश में आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाए जाने की आशंकाओं के बीच उद्योग जगत का मानना है कि ऐसा हुआ तो श्रमिकों और माल की आवाजाही प्रभावित होगी तथा इसका औद्योगिक उत्पादन बड़ा असर पड़ेगा।
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उद्योग मंडल सीआईआई की ओर से कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के बीच कराए गए सर्वे के आधार पर सुझाव दिया गया है कि कोविड कर्फ्यू और प्रभावित जगहों पर ‘सूक्ष्म-स्तरीय नियंत्रण की रणनीतियों' के साथ-साथ संक्रमण से बचने के उपयुक्त व्यवहार (मास्क पहनना और दूरी बनाए रखना आदि) अपनाने की रणनीति संक्रमण पर काबू पाने में प्रभावकारी रहेगी।
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वस्तुओं की आवाजाही होगी प्रभावित
सीआईआई के सर्वे में शामिल ज्यादातर सीईओ ने यह संकेत दिया, ‘‘आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाए जाने से श्रमिकों के साथ-साथ वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित हो सकती है। इससे औद्योगिक उत्पादन पर उल्लेखनीय रूप से प्रतिकूल असर पड़ सकता है।'' सर्वे में शामिल सीईओ में से आधे से ज्यादा ने कहा है कि अगर आंशिक लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के आने-जाने पर पाबंदी लगती है, उनका उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
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50% तक उत्पादन का नुकसान
इसमें कहा गया है, ‘‘इसी प्रकार, 56 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि वस्तुओं की आवाजाही अगर प्रभावित होती है, तो उन्हें 50 प्रतिशत तक उत्पादन का नुकसान हो सकता है।'' सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष टीवी नरेन्द्रन ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए कड़ाई से स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी है। साथ ही उद्योगों के कामकाज को सामाजिक रूप से एक जगह एकत्रित होने पर पाबंदी जैसे उपायों के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए। उद्योग मंडल के अनुसार पाबंदियों के प्रभाव को कम करने के लिए सर्वे में शामिल करीब 67 प्रतिशत सीईओ ने पात्र लोगों के टीकाकरण के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।