Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Aug, 2025 06:10 PM

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने और आयात पर निर्भरता कम करने की रणनीति के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए 90.02 करोड़ टन का महत्वाकांक्षी आपूर्ति लक्ष्य निर्धारित किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत से अधिक की...
कोलकाताः कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने और आयात पर निर्भरता कम करने की रणनीति के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए 90.02 करोड़ टन का महत्वाकांक्षी आपूर्ति लक्ष्य निर्धारित किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में पेश परिदृश्य के मुताबिक, कुल कोयला प्रेषण का करीब 74 प्रतिशत अकेले बिजली क्षेत्र में ही इस्तेमाल होने का अनुमान है। यह देश भर में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में सीआईएल की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
सीआईएल ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बिजली क्षेत्र से अनुमानित मांग 66.81 करोड़ टन है। कंपनी का लक्ष्य बिजली और गैर-विनियमित उपभोक्ताओं की सभी जरूरतों को पूरा करने के साथ आयातित कोयले का विकल्प भी चुनना है। कंपनी ने कहा कि सीआईएल का वृद्धि खाका सरकार के हर घर में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य के अनुरूप है। इसके लिए 2028-29 तक उत्पादन को एक अरब टन तक बढ़ाने की योजना है।
कोल इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी एम प्रसाद ने कहा कि कंपनी रणनीतिक विविधीकरण और परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण के जरिये अपने कारोबार को भविष्य के लिए सुरक्षित बनाने के प्रयासों को तेज कर रही है। उन्होंने कहा कि कंपनी देश के ऊर्जा बदलाव लक्ष्यों के साथ तालमेल बैठाने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने की अपनी व्यापक योजना के तहत कोयला गैसीकरण, कोलबेड मीथेन (सीबीएम) निकासी, सौर ऊर्जा उत्पादन और महत्वपूर्ण खनिजों की खोज में परियोजनाओं को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है।